तीन तलाक के बाद अब “तलक-ए-हसन”! सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

एक मुस्लिम महिला को उसके पति ने तलाक-ए-हसन के तहत तलाक का नोटिस भेजा. महिला ने इस नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई. कहा कि तलाक-ए-हसन महिलाओं के प्रति भेदभाव करता है. याचिका की सुनवाई जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच कर रही है. 16 अगस्त को बेंच ने तलाक-ए-हसन को लेकर अहम टिप्पणी की. कहा कि प्रथम दृष्टया तलाक का ये तरीका अनुचित नहीं लगता है.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने अपनी याचिका में कहा था कि तलाक-ए-हसन एक मुस्लिम पुरुष को तलाक देने का अधिकार देता है, पर इस तरह के तलाक में भी महिला की मर्ज़ी का शामिल होना ज़रूरी नहीं होता है. महिला की तरफ से कोर्ट में सीनियर एडवोकेट पिंकी आनंद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को तो असंवैधानिक घोषित कर दिया, लेकिन तलाक-ए-हसन पर कोई फैसला नहीं दिया है.

सुनवाई के दौरान जस्टिस एसके कौल ने कहा,

“प्रथम दृष्टया मुझे तलाक-ए-हसन अनुचित नहीं लगता. प्रथम दृष्टया मैं याचिकाकर्ता से सहमत नहीं हूं. मैं नहीं चाहता कि ये मुद्दा किसी और वजह से एजेंडा बने.”

बेंच ने कहा,

“ये तीन तलाक नहीं है. आपके पास भी खुला का ऑप्शन है. अगर दो लोग साथ में नहीं रह सकते, तो इसके आधार पर भी हम तलाक देते हैं. अगर मेहर का ख्याल रखा जाए तो क्या आप तलाक के लिए राज़ी हैं?”

तीन तलाक से कैसे अलग है तलाक-ए-हसन?
तीन तलाक यानी एक बार में ‘तलाक, तलाक, तलाक’ बोलकर या लिखकर दिया जाने वाला तलाक. इसे तलाक-ए-बिद्दत भी कहा जाता है. अगस्त, 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के तलाक को असंवैधानिक घोषित किया था. 2019 में केंद्र सरकार मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण कानून लेकर आई, जिसे तीन तलाक कानून भी कहा जाता है. इस कानून के तहत पत्नी को तीन तलाक देने वाले शख्स को तीन साल तक की जेल हो सकती है.

वहीं, तलाक-ए-हसन में भी एक पुरुष तीन बार ‘तलाक’ बोलकर अपनी पत्नी को तलाक देता है. हालांकि, इसमें एक बार ‘तलाक’ बोलने के बाद पति एक महीने तक इंतज़ार करता है. इसके बाद वो दूसरी बार ‘तलाक’ बोलता है. इसी तरह तीसरी बार ‘तलाक’ बोलने के लिए एक और महीने का इंतज़ार किया जाता है. दो महीने की इस अवधि में पति-पत्नी साथ में ही रहते हैं. इस दौरान अगर उनके बीच कोई सुलह नहीं होती तो तलाक हो जाता है और अगर सुलह हो जाती है तो पति दूसरी या तीसरी बार ‘तलाक’ नहीं बोलता. यानी तलाक रुक जाता है.

Leave a Reply

error: Content is protected !!

Discover more from ABT NEWS

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading