पूर्वांचल को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में आरबीआई की जांच में कई बातें सामने आई है। आरबीआई के नियमों को दरकिनार कर बैंक फंड का दुरुपयोग कर मनमाने तरीके से गड़बड़झाला किया गया, जिसके चलते आज बैंक के हाथ में फूटी कौड़ी भी नहीं है। रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ है कि ग्राहकों के 50 लाख रुपये एटीएम लगाने के नाम पर खर्च किए गए, लेकिन मौके पर एक भी नहीं मिले हैं। यानि एटीएम की खरीद ही नहीं हुई है। यह एक संस्था से लिए गए हैं।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक बैंक ने 700 लाख से ऊपर की सरकारी प्रतिभूति (सरकारी सिक्योरिटी) को अक्तूबर 2022 से मई 2023 के बीच बिना आरबीआई की अनुमति के बेच दिया। विक्रय की धनराशि को प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से बैंक प्रमोटर्स और संबंधित पार्टियों को ट्रांसफर कर दिया गया। भारतीय रिजर्व बैंक की जांच आख्या के आधार पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। रिपोर्ट से यह बात सामने कि पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड 9.37 करोड़ रुपये का लोन बिना किसी कागजात के बांट दिया गया।
यही नहीं, जिन लोगों को ऋण वितरित किया गया है उनसे बकाया जमा कराने की कोशिश भी नहीं की गई। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता अंसल कुमार के मुताबिक आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार बैंक प्रमोटर्स और पूर्व सीईओ द्वारा बैंक के फंड का दुरुपयोग किया गया, एटीएम लगवाने के लिए 50 लाख रुपये खर्च किए गए, जो ग्राहकों के थे।
लेकिन, एक भी एटीएम की खरीद नहीं हो सकी है। वहीं, जो लोन खाता के लिए जारी हुए थे वो बैंक के प्रमोटर्स और संबंधित पार्टियों द्वारा नगदीकरण कर लिया गया। ऐसे खाते जो कई वर्षों से इस्तेमाल में नहीं थे और डीईएएफ में जाने चाहिए थे, उसे बैंक प्रमोटर्स व पूर्व सीईओ विवेक पाण्डेय द्वारा निकाल लिया गया था।
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