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तो मोख्तार के गुर्गों ने कम्पनी को ही हड़प लिया था?

पत्रकारिता के कई पहलू होते हैं यदि बदलते वक्त में बात किया जाए तो पत्रकारिता एक कला है। सूचनाओं को किस अंदाज में प्रस्तुत किया जाए यही आज की पत्रकारिता बन चुकी है। पत्रकारिता का मकसद एक ही होना चाहिए कि जो सही सूचनाएं हैं आसान भाषा में आम जनमानस को समझ में आ जाए नहीं तो उन सूचनाओं का मतलब ही क्या? उसे प्रकाशित करने का अर्थ ही क्या?

अपराध और राजनीति पत्रकारिता में इन दो पहलुओं पर खूब चर्चाएं होती हैं। सवाल यह है कि अपराध और राजनीति का एक दूसरे से एक गहरा संबंध भी है शायद? और ऐसे मामलों में कहानियों पर नई कहानी, नई कहानी पर फिर नई कहानी और इन कहानियों में खबरें उलझ जाती हैं। और यहां सबसे बड़ी चुनौती होती है जनता तक इन कहानियों को सुलझा कर सही और सटीक सूचना को पहुंचाना क्योंकि अंततः इन सब का संबंध राजनीति से होता है और राजनीति का संबंध जनमानस से होता है और इन कहानियों को सुनने के बाद जागरूक होने के बाद जनमानस कहीं ना कहीं इसका असर राजनीति पर तो छोड़ता ही है। अब मुख्तार अंसारी को ही ले लीजिए। उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में निरूद्ध मुख्तार पर करीब 54 मामले दर्ज हैं। कानून की किताब में माफिया का टैग भी है लेकिन फिर भी लगातार विधायक बनने का मौका मिलता गया और अब तो पुत्र को भी मौका मिल गया। मुख्तार और मुख्तार के पुत्र अब्बास का जिस तरह से राजनीति में ग्राफ बढ़ता गया, उसी रफ्तार से कानून की किताब में अपराध का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा है कि प्रदेश में कानून से कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता और अभी तो उन्होंने सदन में भी कहा था कि माफियाओं को मिट्टी में मिला दूंगा। तो भैया कानून का राज है चोरी, डकैती, रंगदारी, बलात्कार, हत्या, अपहरण करने वालों की खैर नहीं है तो भला अपराध को और नए नए अपराध पैदा करने वालों को समाज कैसे बर्दाश्त कर सकता है? सवाल यह है कि जब कानून कह रहा है कि मोख्तार माफिया है और लगातार मोख्तार के करीबियों का भी अपराधिक इतिहास खुलकर सामने आ रहा है तो यह बात जनता को क्यों नहीं समझ में आ रही? अब जनता इन्हें चुनकर क्यों विधानसभा भेजती है अब यह तो भैया जनता ही जाने। एक पत्रकार होने के नाते हम पर सारी सूचनाओं को इकट्ठा कर नियमानुसार सटीक और सही सूचनाएं प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी है तो एक नई सूचना और सुन लीजिए।

गाजीपुर के थाना कोतवाली में 24 फरवरी 2023 को एक एफआईआर दर्ज होती है और यह एफआईआर विकास कंस्ट्रक्शन को लेकर दर्ज होती है। अब आप पूछेंगे कि यह विकास कंस्ट्रक्शन क्या है? तो सुनिए कानून की किताब में अपराध का लंबा पैराग्राफ बनाने वाली यह वही कंपनी है जिसके आधार पर मोख्तार अंसारी, मोख्तार की पत्नी, मोख्तार के सालों, मोख्तार के पुत्र ने अपराध की नई नई दास्तां लिखी।

यह वही कंपनी है जिसका जिक्र 14 दिसंबर 2022 को इंडिया टुडे के एक खबर में होता है। खबर के अनुसार गैंगस्टर से नेता बने मोख्तार अंसारी को ईडी ने उत्तर प्रदेश में जबरन जमीन कब्जाने के मामले में गिरफ्तार किया था। इससे पहले उनके बेटे अब्बास अंसारी को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था। यह मामला मोख्तार की पत्नी अफशां अंसारी और उनके दो भाइयों आतिफ रजा और अनवर शहजाद द्वारा संचालित फर्म विकास कंस्ट्रक्शन से जुड़ा है। कंपनी ने अपने बाहुबल से अतिक्रमण कर सरकारी जमीन पर गोदाम बना लिया। गोदामों का निर्माण उत्तर प्रदेश के मऊ और गाजीपुर जिलों में किया गया था। ईडी का आरोप है कि गोदाम बनाकर इसे भारतीय खाद्य निगम को किराए पर दिया गया था।

खबर के अनुसार अधिकारियों ने कहा था कि “पीएमएलए जांच के दौरान, यह पाया गया कि यूपी के मऊ और गाजीपुर जिले में सार्वजनिक और सरकारी भूमि का अतिक्रमण करके अवैध रूप से निर्मित गोदामों को किराए पर देकर विकास निर्माण द्वारा भारतीय खाद्य निगम से 15 करोड़ रुपये का किराया एकत्र किया गया था। इस किराए का इस्तेमाल आगे चलकर विकास कंस्ट्रक्शन और अफशां अंसारी के नाम पर अचल संपत्तियां खरीदने में किया गया। ऐसी अचल संपत्तियों का पता लगाने के बाद, एजेंसी ने 1.48 करोड़ रुपये की सात अचल संपत्तियों को कुर्क किया था।”

इससे पहले ईडी ने इस मामले में मोख्तार के बेटे और साले को गिरफ्तार किया था.

अब एक ख़बर 14 नवंबर 2022 को हिंदुस्तान में प्रकाशित हुई। खबर के अनुसार विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी के पूर्व मालिकों ने मुख्तार अंसारी और गुर्गो पर साजिश कर कंपनी हड़पने का आरोप लगाया। इसी की जांच के लिए ईडी ने सम्मन भेजकर पूर्व मालिकों को बुलाया था और उनका बयान दर्ज किया था। रविंद्र, मसूद आलम, वैस खान और अन्य ने आरोप लगाया कि कंपनी उन्होंने बनाई थी और इसमें लाखों रुपए निवेश किए थे कुछ वर्ष पहले डरा धमकाकर मुख्तार और गुर्गों द्वारा कंपनी हड़प ली गई।

अब आपको एक बात तो समझ में आ ही रही होगी कि किस तरह से एक कंपनी को हड़प कर फायदा कमाने के लिए कई अपराध करने का आरोप लगा है।

अब आते हैं 24 फरवरी 2023 के एफआईआर पर जहां से पूरी खबर शुरू हुई। इस दिन मोख्तार अंसारी की पत्नी अफशां के खिलाफ एक और मामला दर्ज हुआ है। मोख्तार के साले आतिफ रजा,अनवर शहजाद पर भी मामला दर्ज हुआ है। गाजीपुर की सदर कोतवाली में इन सभी के खिलाफ धारा 406,420,386,506 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया गया है। गाजीपुर के सैय्यदबाड़ा के रहने वाले मसूद आलम ने ये केस दर्ज कराया है। इन्होंने विकास कंस्ट्रक्शन में पार्टनर होने के बाद भी पैसा नही मिलने का आरोप लगाया है। इन्होंने विकास कन्स्ट्रक्शन कम्पनी की हिस्सेदारी हड़पने का आरोप मोख्तार के परिजन परलगाया है। आरोप है कि, विकास कंस्ट्रक्शन कम्पनी के प्रमोटरों को अवैध तरीके से हटाकर मोख्तार अंसारी की पत्नी और उसके सालों ने कम्पनी ही हड़प ली। फिलहाल पुलिस केस दर्ज कर मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है।


बताते चलें कि मोख्तार अंसारी के साथ ही मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी, मुख्तार की बहू निकहत अंसारी पत्नी अफशां और दोनों सालों पर भी आपराधिक मामले दर्ज कर पुलिस विवेचना कर रही है।

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