गाजीपुर। जिला पंचायत परिषद के विकास कार्यो,योजनाओं, ठेको और टेंडर प्रक्रिया को लेकर उठे सवालों पर कई जिला पंचायत सदस्य भी मुखर हैं।जिला पंचायत परिषद की टेंडर प्रक्रिया पर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर के कथित पत्र के वायरल होने का मामला अब नया मोड़ ले रहा है।जिला पंचायत परिषद के कई सदस्यों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए आवाज बुलंद की है।
इस मामले में कई जिला पंचायत सदस्यों की मांग है कि यदि पत्र सही है,तो उस पर कार्यवाही होनी चाहिए।इन जिला पंचायत सदस्यों का कहना है कि यदि पत्र फर्जी है तो फर्जी पत्र से सम्बंधित लोगों पर एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।जिला पंचायत सदस्य अभय सिंह,शैलेन्द्र सिंह और भोला सिंह ने कहा कि जिला पंचायत के कार्यो और टेंडर प्रक्रिया को लेकर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने जो पत्र पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है,यदि वो सही है तो लिखे गए पत्र पर शासन को कार्यवाही करनी चाहिए।
इन सदस्यों ने कहाकि मंत्री ने इस पत्र को लिखने से इनकार किया है तो इस मामले की गम्भीरता से जांच होनी चाहिए।सदस्यों की मांग है कि पत्र फर्जी पाए जाने पर सम्बंधित लोगों पर कड़ी कार्यवाही हो।सदस्यों का कहना है कि अभी तक इस मामले में महज बयानबाजी की जा रही है,जिससे जिला पंचायत परिषद के सभी सदस्यों की गरिमा को ठेस पहुंच रही है।
इन सदस्यों ने कहाकि पूर्व में भी बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के लिखे एक पत्र को लेकर भी तरह तरह की चर्चा व्याप्त थी।इन सदस्यों की मांग है कि एक जांच समिति बनाकर पूरे प्रकरण की गम्भीरता से जांच हो।जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
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