गाज़ीपुर। मऊ सदर के विधायक रहे मुख्तार अंसारी के बेटे और वर्तमान में उसी सीट से निर्वाचित विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत अंसारी पर बड़े आरोप लगे हैं। निकहत अंसारी को जुडिशल कस्टडी में भेज दिया गया है ।निकहत पर अपने पति अब्बास अंसारी से मुलाकात के दौरान जेल नियमों की अनदेखी का आरोप है। इन सबके बीच गाजीपुर के सांसद और अब्बास अंसारी के चाचा ,अफजाल अंसारी ने निकहत अंसारी का बचाव किया है।
सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि चित्रकूट जेल विजिटर डायरी में क्या था, नहीं था। यह उन्हें नहीं मालूम है। लेकिन ,निकहत अपने पति अब्बास से मिलने गई थी। यह सत्य है। रजिस्टर ,जेल और परिसर सभी जेल प्रशासन का है। ऐसे में नाम क्यों नहीं था इसका जवाब उनके पास नहीं है।महिला होने के नाते निकहत के गले में चेन, हाथ में कंगन आदि धारण कर रखा था। जिसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।निकहत के साथ एक बच्चे की देखरेख के लिए एक सहायक महिला भी थी ।वह जेल के गेट पर खड़ी थी। बच्चा उस महिला के गोद में। निकहत का लेडीज पर्स भी उस सहायता के लिए साथ गयी महिला के पास ही था। सहायता के लिए साथ गयी महिला गेट से बाहर ही थी। वह मिलने के लिए भीतर जेल परिसर में नहीं गयी थी। निकहत का पर्स बाहर उस महिला के पास ही था।लेकिन,उस महिला से निकहत का पर्स लिया गया।पर्स में मोबाइल फोन ,21 हजार कैश और आभूषण मिलने की बात कही जा रही है। पर्स में से मिली चीजों को जेल से भीतर बरामद हुआ दिखाया गया है। अंसारी ने कहा कि अभी उन्हें एफआईआर की कॉपी प्राप्त नहीं हुई है। लेकिन किसी माध्यम से उन्हें एफआईआर के मजमून की जानकारी हुई है ।अंसारी ने आरोप लगाया कि एफआईआर में दर्ज मजमून में ऐसा लगता है जैसे कि वह उपन्यास गुलशन नंदा की कहानी को भी फेल कर दे।
अफजाल अंसारी ने कहा कि अब्बास अंसारी को पहले नैनी जेल में रखा गया था। अब्बास को ईडी की ओर से दर्ज एक मामले में जेल भेजा गया था। उसके बाद अब्बास अंसारी को वहां से हटाकर चित्रकूट की जेल में रखा गया। अफजाल अंसारी ने कहा कि चित्रकूट की जेल की सुरक्षा को लेकर वह बहुत कुछ नहीं कहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस जेल का पिछला इतिहास बेहतर नहीं रहा है। पिछले साल जेल में ऐसी घटना घटी थी जिसमें जेल के कई कैदी मारे गए थे ।बताया गया कि जेल के एक बंदी ने दो बंदियों की हत्या कर दी है। बाद में उस बंदी की पुलिस से मुठभेड़ में मौत हो गई थी। अफजाल ने प्रशासन से सवालिया अंदाज में कहा कि अगर कोई व्यक्ति जेल में बंद है तो क्या उससे मिलने कोई नहीं जा सकता हैं ? कोरोना काल में मुलाकातियों का जेल में आना-जाना बंद कर दिया गया था। लेकिन ,फिलहाल यह नियम है कि विचाराधीन अगर कोई है तो सप्ताह में 3 दिन उसके परिजन उसे मिल सकते हैं। उसका वकील से मिल सकता है। उसका कोई कानूनी सलाहकार भी मिल सकता है। यह देखने में मिलता है कि कई बार बन्दी से नेता लोग भी मिलने जाते रहते हैं।अफजाल अंसारी ने कहा कि साजिश के तहत यह आरोप लगाया गया कि निकहत अपने पति अब्बास को जेल से भगाने की योजना बना रही थी। यह आरोप गलत है।
अफजाल अंसारी के अनुसार एक सुनियोजित ढंग से ऐसा किया जा रहा है। ताकि कोई भी परिजन अब्बास अंसारी से जेल में मिलने नहीं जाय।अब्बास अंसारी ने बीजेपी की लहर के बावजूद मऊ सदर सीट से 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है ,जिससे बीजेपी डरी हुई है।
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