विदेश मंत्री एस जयशंकर मालदीव और श्रीलंका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के लिए दोनों देशों की यात्रा कर रहे हैं। पिछले दिनों वह मालदीव पहुंचे और उन्होंने भारत को लेकर जो कुछ कहा उसपर देश के हर नागरिक को गर्व होगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर बुधवार को मालदीव पहुंचे। यहां पहुंचने पर एस जयशंकर ने मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने ट्वीट किया, मालदीव के राष्ट्रपति इबुसोलिह से मुलाकात कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी व्यक्तिगत बधाई दी गई।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीवी समकक्ष अब्दुल्ला शाहिद के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करते हुए कहा कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखना दोनों देशों की साझा जिम्मेदारी है। जयशंकर तीन दिन के दौरे पर हैं। मालदीव के बाद वे श्रीलंका जाएंगे। बैठक की जानकारी ट्विटर पर देते अब्दुल्ला शाहिद ने लिखा भारत के विदेश मंत्री और मेरे प्यारे मित्र का मालदीव में स्वागत है। भारत-मालदीव साझेदारी के माध्यम से दी गई विकासात्मक सहायता के प्रभाव को देखने के लिए वह यहां हैं।
जयशंकर ने कहा भारत हमेशा पूरे क्षेत्र के साथ मालदीव की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने का इच्छुक रहा है। वैश्विक तनाव कम करने और मालदीव जैसे देशों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए भारत भरपूर कूटनीतिक प्रयास कर रहा है।
बता दें, विदेश मंत्री एस जयशंकर मालदीव और श्रीलंका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के लिए दोनों देशों की यात्रा कर रहे हैं। मालदीव में वह द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। इस दौरान वह राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मुलाकात करेंगे और विदेश मंत्री शाहिद के साथ चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि मालदीव और श्रीलंका दोनों हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसी हैं और प्रधानमंत्री के ‘नेबरहुड फर्स्ट’ के दृष्टिकोण में एक विशेष स्थान रखते हैं।
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