वीरों की धरती, शहीदों की धरती पूर्वांचल के रक्तांचल बनने की एक एक दास्तां 90 के दशक के लोगों के जबान पर है. कौन मसीहा और कौन माफिया? इन दोनों शब्दों के बीच जो अंतर है उसकी चर्चाएं आज भी चाय की दुकानों पर होती रहती है. ये चर्चाएं हो भी क्यों न? जिन दो नामों से पूर्वांचल की राजनीति में नई नई रणनीति पैदा हुई, उन दोनों शख्सों का सामना जो होने वाला है. 3 जनवरी 2023 को मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह आमने सामने हो सकते है? जी हां 20 साल बाद मुख़्तार अंसारी और बृजेश सिंह आमने सामने होंगें. जिसको लेकर राजनीति गलियारों में चर्चाएं तेज हैं. मुख़्तार अंसारी को बाँदा जेल से गाजीपुर कोर्ट लाना भी सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चुनौती है. इधर गाजीपुर में इस मामले को लेकर कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त है. पिछले कुछ महीनों से लगातार बृजेश सिंह और मुख़्तार अंसारी चर्चाओं में बने हुए हैं. बृजेश सिंह जमानत पर हैं और गाजीपुर के एक कार्यक्रम में नज़र भी आ चुके हैं और मुख्तार अंसारी पर लगातार क़ानूनी कार्रवाई जारी है और मुख्तार अंसारी जब भी नज़र आते हैं दो शब्दों का कोई न कोई बयान उनका वायरल हो जाता है.
दरसल गाजीपुर एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के आदेश अपर पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी को व्यक्तिगत रूप से पेश होना है.पूरा मामला गाजीपुर के बहुचर्चित उसरी चट्टी कांड (Usri chatti case) से जुड़ा हुआ है. जिसमे माफिया डॉन बृजेश सिंह (Brijesh Singh) के खिलाफ मुख्तार अंसारी की कोर्ट में गवाही होगी. बांदा जेल से मुख़्तार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में पेशी के लिए लाया जाएगा. गौरतलब हो कि 15 जुलाई 2001 में गाजीपुर जिले का बहुचर्चित उसरी चट्टी कांड हुआ था. मऊ के तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी अपने पैतृक घर मोहम्मदाबाद से मऊ जा रहे थे. उनके काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी. फायरिंग में मुख़्तार के गनर और एक अन्य साथी की मौत हुई थी. इसके साथ में कुछ लोग घायल भी हुए थे. मुख्तार अंसारी ने अपने जानी दुश्मन बृजेश सिंह को हमले में मुख्य आरोपी बनाया.उसरी चट्टी कांड के बीस साल बाद मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह अब आमने सामने हो सकते हैं.
इस मामले में कई सुनवाईयां हुईं. पिछले दिनों बृजेश सिंह की पेशी भी हुई थी और 20 दिसम्बर 2022 को ही मुख़्तार अंसारी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश था, बृजेश सिंह से आमना सामना भी होने वाला था लेकिन मुख़्तार अंसारी को ईडी ने रिमांड पर लिया था. अब गाजीपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने मुख्तार को मामले में गवाही के लिए 3 जनवरी को तलब किया है. मुख्तार की गवाही के दौरान कोर्ट ने बृजेश सिंह को भी पेश होने का निर्देश दिया है. इस मामले में प्रकरण के विवेचक सतीश चन्द्र त्रिपाठी की भी उपस्थिति होनी थी लेकिन जानकारी के अनुसार सतीश चन्द्र त्रिपाठी की मृत्यु दिसंम्बर 2012 को हो चुकी है. इस मामले में आरोपी बृजेश सिंह और अन्य हैं और अब कोर्ट के आदेश पर सभी साक्षियों की उपस्थिति होनी हैं. इस मामले में पहली बार सिंह जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दी थी और दूसरी जमानत अर्जी पर बृजेश सिंह को हाईकोर्ट से राहत मिली है.
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