देश की राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। उसने लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले इंटरनेशनल इमीग्रेशन रैकैट के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी फर्जी वीजा पासपोर्ट बनाने के काले धंधे में शामिल थे। इस काम के ये मास्टर माइंड थे। आरोपियों के पास से विभिन्न देशों के 01 भारतीय पासपोर्ट और 02 जाली वीजा बरामद किया गया है। इस मामले में पुलिस ने आईजीआई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था, जिसके बाद से पुलिस जालसाजों की तलाश में जुटी थी। 10 नवंबर 2022 को इमीगेशन अधिकारियों की शिकायत पर ये मामला दर्ज किया था। आरोप है कि 09-10/11/2022 की मध्यरात्रि को एक यात्री रितेंदर सिंह ने फुकेट (थाईलैंड) जाने के लिए डिपार्चर क्लियरेंस को लेकर डिपार्चर इमीग्रेशन से संपर्क किया था। उसके पासपोर्ट की जांच करने पर पाया गया कि उसके पासपोर्ट नंबर U9369848 के पेज को किसी और के पासपोर्ट से बदल दिया गया है,
साथ ही पासपोर्ट पर एक नकली इमीग्रेशन स्टांप भी लगा था। इन आरोपों के आधार पर मामला दर्ज कर विवेचना की गई। जांच के दौरान यात्री रितेंदर सिंह को गिरफ्तार किया गया। हिरासत में पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि उसके पासपोर्ट पर 03 ऑफ-लोडिंग टिकट थे, जो अलग-अलग हवाई अड्डों पर इमीग्रेशन काउंटरों द्वारा चिपकाए गए थे। उसे दूसरे देशों में जाने में दिक्कत हो रही थी। इसलिए उसने अपने एक दोस्त पंकज से संपर्क किया, जिसने उसकी मुलाकात एक एजेंट बलजिंदर उर्फ तेजा से कराई। तब बलजिंदर ने उसे बताया कि वह उन पेज को हासिल कर लेगा और यूके का वीजा दिला देगा। इस केस को सुलझाने के लिए इंस्पेक्टर यशपाल सिंह, एसएचओ आईजीआई एयरपोर्ट के नेतृत्व में एसआई सुधीर जून, हेड कॉन्स्टेबल विनीत की एक टीम गठित की गई थी। कई ठिकानों पर छापेमारी के बाद टीम की मेहनत रंग लाई, सीक्रेट इनपुट के आधार पर बलजिंदर उर्फ तेजा को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि रितेंदर सिंह ने पासपोर्ट से ऑफ-लोडेड स्टांप हटाने के लिए उससे नवंबर, 2022 में संपर्क किया था।

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