हिस्ट्रीशीटर का नाम आते ही दिमाग के बड़े दुर्दांत अपराधी की छवि आती है। ऐसा लगता है कि जिस व्यक्ति के नाम की हिस्ट्रीशीट निकल जाए तो उससे बड़ा कोई अपराधी ही नहीं है। आखिर यह हिस्ट्रीशीटर होते कौन हैं, पुलिस किसी भी अपराधी को किस तरह से हिस्ट्रीशीटर घोषित करती है। अगर किसी अपराधी को हिस्ट्रीशीटर घोषित कर दिया जाए तो इसका क्या फायदा होता है। हिस्ट्रीशीटर घोषित होने के बाद अपराधी को क्या करना होता है। ऐसे ही कई सवाल हैं जिनका जवाब जानने के इच्छा आपकी भी होगी और अब्बास अंसारी का इस ख़बर से क्या ताल्लुक है ये भी आप जानना चाहते होंगे?
पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है और अब मुख्तार अंसारी के पुत्र और सुभासपा से मऊ के विधायक अब्बास अंसारी की हिस्ट्रीशीट पुलिस प्रशासन ने खोल दी है। गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने मुहम्मदाबाद कोतवाल को विधायक अब्बास अंसारी की हिस्ट्रीशीट खोलने का निर्देश दिया था। 15 दिसंबर को ही कोतवाली पुलिस ने हिस्ट्रीशीट खोल दी है। जानकारी के अनुसार विधायक की गतिविधियों, आपराधिक कृत्यों की सूची तैयार की जा रही है। एक रिपोर्ट एसपी कार्यालय भेजी जाएगी। दूसरी रिपोर्ट थाने पर रहेगी। मऊ में अब्बास अंसारी के विरुद्ध तीन मुकदमे दर्ज हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान मंच से अधिकारियों से निपटने का बयान देने और बिना अनुमति रोड शो करने के मामले में शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज है। इसके अलावा बिना अनुमति विजय जुलूस निकालने के मामले में भी शहर कोतवाली में केस दर्ज है। फर्जी डाक्यूमेंट्स के आधार पर असलहों को हासिल करना और जमीन की खरीद-फरोख्त में भी नियमों की अनदेखी का भी आरोप है। सभी मामले कोर्ट में विचाराधीन है।
दरअसल हिस्ट्रीशीटर एक पुलिस की तरफ से अपराधियों के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला शब्द है। यह उस अपराधी के लिए प्रयोग में लाया जाता है जो कई अपराधों में लिप्त रहा हो और पुलिस ने उसके अपराधों का ब्यौरा थाने में दर्ज कर लिया हो। लेकिन हिस्ट्रीशीट और हिस्ट्रीशीटर इन दोनो शब्दों के बीच का एक सफ़र है जिसे तय करना पड़ता है।
जब व्यक्ति एक से अधिक आपराधिक मामलों में दोषी साबित हो गया है। इसके अलावा वह बार-बार आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है। इस स्थिति में एसएचओ की तरफ से एसएसपी या एसपी को रिपोर्ट भेजी जाती है। इसके बाद आदेश आने पर अपराधी की हिस्ट्री शीट खोली जाती है। हिस्ट्रीशीट में अपराधी की पूरी कुंडली होती है। इसमें उसके दोस्तों से लेकर ज्ञात रिश्तेदारों की डिटेल भी होती है। इसके अलावा ऐसे मामले जब लोग संगठित रैकेट चलाने या जबरन वसूली में शामिल लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए पुलिस से संपर्क करने से डरते हैं। इस स्थिति में पुलिस स्थानीय स्रोतों की मदद से हमेशा ऐसे अपराधियों पर नज़र रखती है। पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल और डेली डायरी एंट्री के आधार पर, ऐसे व्यक्तियों की हिस्ट्रीशीट खोली जा सकती है जो समाज के लिए खतरा हैं। साथ ही उन्हें भविष्य में बाहर भी किया जा सकता है।
अब मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी को किसी मामले में दोषी साबित किया गया है या नही ये तो नही पता। ये जरूर है कि अब्बास के ऊपर आरोप हैं जिसे पुलिस ने दर्ज किया हुआ है और कोर्ट में विचाराधीन हैं।
हिस्ट्रीशीटर की दो कैटेगरी होती है। कैटेगरी ए में चोरी, लूट, डकैती से संबंधित क्राइम से जुड़े अपराधी होते हैं। वहीं, कैटेगरी बी में पेशेवर अपराधियों को रखा जाता है। एक जानकारिंके अनुसार पुलिस का कहना है कि हिस्ट्रीशीट अपराधियों के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करता है क्योंकि उन्हें एहसास होता है कि इसका मतलब है कि वे पुलिस की निरंतर निगरानी में रहेंगे। हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद, अपराधी को रेगुलर तौर पर पुलिस स्टेशन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आना पड़ता है। ऐसा नहीं करने पर पुलिस उसकी उपस्थिति की जांच करने के लिए उसके घर जाएगी।
एक जानकारी के अनुसार हिस्ट्री शीट अपराधियों की आय के स्रोत को ट्रैक करने में मदद करता है। पुलिस जांच सकती है कि क्या अपराधी ने अपराध करना बंद कर दिया है और वैध तरीकों से पैसा कमा रहा है। ऐसी संभावना है कि कानून तोड़ने वाला बेरोजगार है लेकिन फिर भी एक शानदार जीवन शैली जी रहा है। यह इस बात के संकेत देता है कि व्यक्ति हो सकता है अवैध तरीकों से कमाई कर रहा हो।
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