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मेघबरन के लाल ने नेशनल चैंपियनशिप में जीता सोना…

गाजीपुर | मेघबरन सिंह स्टेडियम करमपुर ने हमेशा ही जनपद का सर गर्व से ऊँचा किया है. वो चाहे जूनियर हाकी विश्वकप हो या अन्य राजकीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल. हर जगह मेघबरन सिंह स्टेडियम के खिलाड़ी सफलता हासिल करने में पीछे नहीं रहते. इस स्टेडियम की तारीफ तो खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी किया है. इस स्टेडियम में ललित उपाध्याय, उत्तम सिंह, राजकुमार पाल जैसे कई महान खिलाड़ी हैं, जिन्होंने केवल प्रदेश ही नहीं देश का भी नाम ऊँचा किया है. अभी पिछले ही दिनों करमपुर गांव निवासी उत्तम सिंह को हॉकी जूनियर इंडिया टीम का कप्तान बनाया गया है. वहीँ अब पहलवान ओम प्रकाश यादव ने गोल्ड मेडल जीत कर उत्तर प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है .

बीते दिनों हरियाणा के पानीपत में आयोजित तीन दिवसीय नेशनल स्पोर्ट्स चैंपियनशिप प्रतियोगिता में मेघबरन स्टेडियम करमपुर गांव के पहलवान ओमप्रकाश यादव ने गोल्ड मेडल जीतकर खेल प्रेमियों को प्रसन्नचित्त कर दिया। ओमप्रकाश यादव ने 72 किलो भार वर्ग में ग्रीको रोमन स्टाइल की कुश्ती प्रतिस्पर्धा जीती है।

वर्तमान में वह नई दिल्ली आर्मी में नायक के पद पर तैनात हैं। मरदह ब्लाक के सरवनडीह गांव निवासी ओमप्रकाश यादव ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2008 में करमपुर का मेघबरन अखाड़ा ज्वाईन किया था। कुछ ही दिनों बाद कुश्ती में ओमप्रकाश की निपुणता देख मेघबरन स्टेडियम के संस्थापक स्व. तेजबहादुर सिंह ने उसे मेघबरन अखाड़े के कुश्ती प्रशिक्षक और पूर्व बंगाल केशरी पहलवान अदालत यादव की देख रख में सौंप दिया।

दोनों वक्त का पौष्टिक भोजन पहलवान को अखाड़े से ही प्राप्त होने लगा। कुश्ती प्रशिक्षक अदालत यादव ने फिर उसे ऐसा तराशा कि ओमप्रकाश का चयन आर्मी में हो गया। अदालत पहलवान ने बताया कि इसके अलावा मेघबरन अखाड़े से प्रशिक्षण प्राप्त कर दर्जनों पहलवान सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं। जिनमें पूर्व यूपी केशरी रहे अच्छेलाल यादव और दिग्विजय सिंह का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

पूर्व सांसद व मेघबरन स्टेडियम करमपुर के प्रबंधक राधेमोहन सिंह ने कहा कि मेघबरन स्टेडियम के संस्थापक व मेरे बड़े भैया स्व. तेज बहादुर सिंह की खेल में विशेष रूचि थी। खासकर कुश्ती और हाकी जैसे स्वदेशी खेलों को तो उन्होंने दिल से लगा लिया था। खेल में होनहार दिखने वाले बच्चों पर उनका सर्वस्व न्योछावर था। ओमप्रकाश उनके प्रिय शिष्यों में एक है। हमें उसकी उपलब्धि पर गर्व है।

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