Special Report || असत्य पर सत्य की जीत का महापर्व विजयादशमी को धूम धाम से मनाया गया. हज़ारों की भीड़ थी और रावन का पुतला धूं धूं कर जल रहा था. मनो संसार की सारी बुराइयाँ उस अग्नि में भष्म हो गई. ये हर वर्ष होता है. लेकिन क्या वास्तव में समाज की सारी बुराइयां जल गई?
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अगर बुराइयां जल गई तो फिर एक तरफ दुर्गा माँ विशाल पंडाल और उससे भी विशाल वहां पर उमड़ी आस्था थी और वहीँ दूसरी तरह माँ का मंदिर नाले के गंदे पानी में डूबा था. ये किसकी बुराई हैं जो न जल सकी. गाजीपुर के रौज़ा के आवास विकास कॉलोनी में स्थित ये मंदिर आस्था का केंद्र है. श्रद्धालु केवल नवरात्र ही नहीं प्रतिदिन इस मंदिर में पूजा करते हैं, लेकिन जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों की निगाह यहाँ जाकर भी नहीं जाती. क्या इस बुराई को देखकर प्रभु श्रीराम प्रशन्न होंगें?
अगर बुराई जल गई तो फिर क्यों एक बाप अपनों बच्चों कि तलाश में महीनों से धरने पर बैठा है? शहर कोतवाली क्षेत्र में हनुमान प्रजापति के दो पुत्रों का अपहरण हुए करीब 3 महीने हो गए, लेकिन आज तक इनके बच्चों का पुलिस पता नहीं लगा पाई। पीड़ित माता-पिता न्याय की आस में धरने पर बैठे हुए हैं। क्या इस बुराई को देखकर प्रभु राम प्रशन्न होंगें?
अगर बुराई जल गई तो फिर क्यों प्राथमिक विद्यालय में मासूम बच्चों से टॉयलेट साफ़ करवाया गया. पिछले दिनों गाजीपुर सदर ब्लाक के तुलसीपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में छात्रों से टॉयलेट साफ़ करवाने का मामला प्रकाश में आया था. क्या बड़े अधिकारी अपने बच्चों के साथ ऐसा होता देख चुप रहते. फिर इस मामले पर लीपापोती क्यों हुई? क्या ऐसे ही बुरे पर अच्छाई की जीत होगी.
लड़कियों से छेड़छाड़, सड़क पर गुंडागर्दी, जमीन के लालच में अपनों की हत्या, सड़कों में भ्रष्टाचार, सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार, अधिकारीयों की लापरवाही. क्या इनके उदहारण की कमी है. ये बुराइयाँ कब उस अग्नि में जल कर भष्म होंगी. ये इश्वर कि पूजा भी किस मुंह से करते होंगे? अब रामलीला कमेटी को एक काम करना चाहिए एक ऐसा यंत्र बनाना चाहिए जो इन बुराइयों को देख सके और इन बुराइयों का लाइव टेलीकास्ट रावन दहन से पहले करना चाहिए. ताकि लाखों की संख्या में आई जनता इसे देखें और बुराई करने वाले अपने शर्म की आग में जलकर भष्म हो जाएँ.
अगर बुराई का अंत हो गया होता तो आज गाजीपुर के एक पत्रकार और उसके परिवार को दो महीने जेल में नहीं रहना पड़ता.
खैर ऐसा नहीं है कि हर तरफ केवल बुराई है अच्छाई भी है. अब अभिषेक यादव को ले लीजिये. अभिषेक यादव और उनकी टीम द्वारा हर महीने गाजीपुर जिला अस्पताल में दूध और फल का वितरण किया जाता है, इसी क्रम में नवरात्र में भी इन्होने दूध का वितरण किया.
बात केवल अभिषेक की नहीं है बात प्रकाश की भी है जिन्होंने ब्लड कैंसर से पीड़ित एक मासूम कि आर्थिक मदद की. गाजीपुर के पत्रकार शशिकांत सिंह की 11 वर्षीय पुत्री अनन्या ब्लड कैंसर से पीड़ित है, इलाज के लिए 15 लाख की आवश्यकता है. लोग इनकी मदद को आगे आरहे हैं उनमे से एक प्रकाश भी हैं जिनकी गाजीपुर शहर के खोवा मंदी चौराहे पर नट बोल्ट कि दूकान है.
यही नहीं मोहम्दाबाद के विधायक मन्नू अंसारी की तस्वीरें सामने आयीं. उन्होंने दुर्गा पूजा पंडालों में माँ के दर्शन किये और सबके कल्याण के लिए प्रार्थना भी किया.
हमारे समाज में अच्छे लोगों की कमी नहीं है, लेकिन आज भी बुराई दुगनी रफ़्तार से समाज पर हावी है.
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