गाजीपुर सीजेएम कोर्ट में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के दोनों साले अनवर शहजाद “अन्नू” और सरजील रजा उर्फ आतिफ ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शरद कुमार चौधरी की अदालत में 1 सितंबर को वकीलों की मदद से चुपचाप आत्मसमर्पण कर दिया है। कोर्ट ने इनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में दोनों को जेल भेज दिया। ये बात उनके वकील लियाकत अली ने पुष्ट की है। उन्होंने बताया कि उनके मुवक्किल पर आरोप लगाया गया है कि गाज़ीपुर के नंदगंज क्षेत्र में सरकारी भूमि पर दोनों ने न सिर्फ कब्जा किया था बल्कि उसपर निर्माण भी किया था। मामले में इनके खिलाफ आरोप तय होने के बाद से ही पुलिस इनकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी। मुख्तार अंसारी और उसके रिश्तेदारों की मुश्किलें अब और बढ़ने वाली है। इसी डर से उसके दोनों सालों ने कोर्ट में आत्मसर्मण किया। आतिफ ने 31 अगस्त और अनवर ने एक सितंबर को आत्मंसर्मण किया था। प्रशासन आतिफ और अनवर की भी कई संपत्ति कुर्क कर चुका है। नंदगंज के फतेहउल्लाहपुर में गोदाम बनाया था। यहां पहुंचने के लिए दोनों ने मिलकर न सिर्फ सरकारी ताल पर कब्जा जमा लिया, बल्कि ताल को पाटकर गोदाम तक आने-जाने के लिए रास्ते का निर्माण करा दिया। इसी मामले में इनके खिलाफ आरोप तय हुआ था। हालांकि प्रशासन ताल को कब्जा से मुक्त कराने के साथ ही गोदाम को भी कुर्क कर चुका है। पुलिस सूत्रों ने भी बताया है कि नंदगंज के मामले में दाेनों ने आत्मसमर्पण किया है। पुलिस व प्रशासन की टीम इनकी और संपत्ति को भी चिह्नित करने का काम कर रही है। जिसे गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी। बताया कि माफिया के अवैध तरीके से अर्जित की संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

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