26 अगस्त 2022, भारत के 48वें मुख्य न्यायधीश एन वी रमना रिटायर हो हो रहे हैं. अब जस्टिस यूयू ललित देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उनके नाम की सिफारिश अपने उत्तराधिकारी के तौर पर की है। जस्टिस यूयू ललित भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। वरिष्ठता क्रम के अनुसार जस्टिस यूयू ललित ही मुख्य न्यायधीश बनने के दावेदार थे। जस्टिस यूयू ललित देश के सामाजिक व्यवस्था पर बड़ा असर डालने वाले तीन तलाक जैसे अहम फैसले देने वाली बेंच का हिस्सा रहे हैं। जस्टिस यूयू ललित का चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यकाल काफी छोटा होगा और वह 8 नवंबर, 2022 को रिटायर हो जाएंगे।
1957 को जन्मे जस्टिस यूयू ललित ने जून 1983 में एडवोकेट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। वह 1985 तक बॉम्बे हाई कोर्ट के वकील थे। इसके बाद वग 1986 में दिल्ली आए थे और अप्रैल 2004 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट के तौर पर प्रैक्टिस की शुरुआत की थी। 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में उन्हें विशेष सरकारी अधिवक्ता के तौर पर सीबीआई का पक्ष रखने का मौका मिला था।
वहीँ न्यायमूर्ति एनवी रमण का जन्म 27 अगस्त 1957 को एक आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नावरम गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। 10 फरवरी 1983 को उन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन कराया और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की। उनको 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायधीश बनाया गया था। 2 सितम्बर 2013 को उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायधीश बनाया गया और 17 फरवरी 2014 को वह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश बने। न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे के सेवानिवृत्त होने पर 23 अप्रैल 2021 को उन्हें मुख्य न्यायधीश बनाया गया। वे भारत के ४८वें मुख्य न्यायधीश हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने अंतिम दिन यानि 26 अगस्त 2022 को जस्टिस एनवी रमण पांच हाई-प्रोफाइल मामलों में फैसला सुनाएंगे। गुरुवार की देर रात, सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने अदालत की वाद सूची को अपडेट किया। रात करीब साढ़े 11 बजे जारी की गई सूची में प्रधान न्यायाधीश द्वारा सुनाए जाने वाले पांच बड़े फैसले शामिल हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ शुक्रवार की सुबह जिन पांच मामलों में फैसला सुनाएगी उसकी सूची इस प्रकार है…
- चुनावी मुफ्त योजना
- 2007 गोरखपुर दंगों पर याचिका
- कर्नाटक खनन मामला
- राजस्थान माइनिंग लीज इश्यू
- दिवालियापन कानून के तहत परिसमापन कार्यवाही पर विनियम
चीफ जस्टिस ने गुरुवार को इन चार मामलों पर की थी सुनवाई
1. चीफ जस्टिस ने ठंडे बस्ते में पडे़ पेगसस के मामले को सुना
2. दूसरे नंबर पर पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले को सुना
3. तीसरे नंबर पर चीफ जस्टिस रमना ने PMLA एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आई रिव्यू पिटीशन को सुना.
4. चौथे नंबर पर बिलकिस बानो के मामले पर सुनवाई हुई
चीफ जस्टिस रमण के कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कई उच्च न्यायालयों में लगभग 224 न्यायाधीशों को सफलतापूर्वक नियुक्त किया और दिल्ली उच्च न्यायालय से संबंधित लगभग सभी नामों को मंजूरी दे दी। जस्टिस रमण ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान न्यायाधीशों की नियुक्ति और बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों को उठाया और आशा व्यक्त की कि वह कानूनी बिरादरी की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे।
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