Crime Report || स्वतंत्र और सुखी जीवन की इक्षा सब रखते है. लेकिन क्या ये इतना आसान होता है? कभी कभी हमारे देश का कानून समाज के अंधे कानून के सामने कमज़ोर पड़ जाता है. इस समाज कुछ ऐसा वर्ग है जिसको परिभाषित करना भी व्यर्थ सा लगता है. ये वही वर्ग है जिसके अन्दर ऊँच नीच धर्म और जाति के सभी प्रकार मौजूद है. इस मामले में इस वर्ग ने पीएचडी की हुई है. ये वही वर्ग है जिसे छेड़खानी करता मर्द बुरा नहीं लगता, औरत पर अत्याचार करता मर्द बुरा नहीं लगता लेकिन प्रेम करने वाला मर्द, उस वर्ग के लिए सबसे बड़ा गुनेहगार है.
विकास की एतेहासिक परिभाषा को परिभाषित करने वाले समाज का मानसिक विकास न हो सका. इनका मोबाइल तो समय से अपडेट हो जाता है लेकिन दिमाग का सॉफ्टवेर अभी भी हैंग करता है. मेरे इस व्यंग से भी शायद इस समाज को कोई फर्क न पड़े. जमनिया के टीपू ने भी प्रेम किया था और लवकुश के परिजन भी उसे जीवन देना चाहते थे. लेकिन हुआ वो जिसे दोनों के परिजनों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा. कुछ जिंदगियां हादसे में चली जाती हैं और कुछ हत्या में. लेकिन हादसे और हत्या के बिच लम्बी लकीर होती है.
हमारे संवादाता हसीन अंसारी ने बताया कि मिर्जापुर जनपद के कटरा थाना क्षेत्र के बेलसर निवासी लवकुश यादव (40) क्षय रोग से पीड़ित थे। उन्हें परिवार के लोग उपचार के लिए प्रयागराज ले गए थे। जहां हालत में सुधार न होने पर बिहार के बक्सर स्थित प्रताप सागर इलाज के लिए ले गए। हालत में सुधार न होने पर डॉक्टरों ने उन्हें वाराणसी के बीएचयू रेफर कर दिया। एंबुलेंस से उनके परिवार के लोग बीएचयू लेकर जा रहे थे कि गाजीपुर में देवकली गांगी नदी पर बने पुल के पास चालक को झपकी आ गई और वाहन अनियंत्रित होकर पुल से टकरा गई। हादसे में मरीज लवकुश की मौत हो गई साथ ही लवकुश की सास अघौली निवासी रामपति देवी (60) ने भी दम तोड़ दिया. लवकुश के जीवन को बचाने का सपना देखने वाले परिजनों ने ये कभी नहीं सोचा होगा की घर में मातम की दो दो खबर आएगी.
वहीं एंबुलेंस में सवार अघौली निवासी शिवचरन यादव, राजेश, गायत्री, संतलाल, प्रयागराज जनपद के झूंसी थाना के हनुमानगंज निवासी राहुल यादव और प्रयागराज निवासी दीपक कन्नौजिया घायल हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं घायलों को उपचार के लिए सीएचसी सैदपुर लाया गया। जहां हालत गंभीर होने पर उपचार के लिए वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। यदि ड्राईवर थका हुआ था उसे एम्बुलेंस नहीं चलाना चाहिए था. यदि ड्राईवर ने यहाँ अपने विवेक का प्रयोग किया होता तो किसी को अनचाही मौत नहीं मिलती.
अनचाही मौत तो गाजीपुर के जमनिया में भी हुई लेकिन ये हादसा नहीं हत्या था. जमानिया क्षेत्र के खिजिरपुर अलीनगर निवासी अफसर उर्फ टीपू एक लड़की से प्रेम करता था. लड़की पड़ोस की ही थी. ये सिलसिला करीब एक साल पहले से चल रहा था. जानकारी के अनुसार दोनों शादी भी करना चाहते थे. लेकिन इस प्रेम का अंत इतना दर्दनाक होगा ये किसी ने सोचा भी नहीं था. 31 जुलाई की सुबह पुलिस को फ़ोन आता है. फ़ोन पर जो जानकारी दी जाती है उसे सुनते पुलिस आनन फानन में जमानिया क्षेत्र के खिजिरपुर पहुँचती है. पुलिस के आँखों के सामने का वो दृश्य समाज के विकृत मानसिकता की गवाही दे रहे थे. पुलिस को फ़ोन आता है की खिजिरपुर में खून से सनी एक लाश पड़ी है. लाश को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था की किसी ने बेरहमी से गला काटकर निर्मम हत्या की है. लेकिन सवाल ये था की ये लाश किसकी है?
वहीँ 30 जुलाई की रात जब टीपू के घर पर सब सो गये तो टीपू उठकर कहीं चला गया. जानकारी के अनुसार त्तिपू की माँ ने देखा की टीपू घर पर नहीं है. रात में टीपू के घर वाले उसकी तलाश करने लगे. लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला. तभी सुबह यानि 31 जुलाई की सुबह मोहल्ले एक व्यक्ति ने टीपू के घर वालों को बताया की रस्ते में किसी की लाश पड़ी है. ये सुनते ही टीपू के परिजन सन्न रह गये. जब घरवालों ने जाकर उस लाश को देखा तो वो सन्न रह गये. लाश को देखकर परिजन शायद यही सोच रहे होंगे की आखिर टीपू ने ऐसा क्यों किया? काश टीपू ऐसा नहीं करता. लेकिन टीपू ने क्या किया था? बताया तो आपको टीपू ने प्रेम किया था और ये लाश टीपू की ही थी.
इस घटना से पुलिस एक्शन मोड में आ गई. अब सबसे बड़ा सवाल था की आखिर टीपू की हत्या की किसने? वो इतनी बेरहमी से. टीपू के गला को कटा गया था. खुद गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने मामले में टीपू के परिजनों से तमाम जानकारी इकठ्ठी की और फिर हुआ वही जिसके लिए रोहन पी बोत्रे को जाना जाता है. यानि एक्शन.
हमारे संवादाता सऊद अंसारी ने बताया की 36 घंटे के अन्दर पुलिस ने इस मामले का पर्दाफास कर दिया और दो अभियुक्तों की गिरफ्तार कर लिया. लेकिन ये हुआ कैसे? कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम लगातार मामले का खुलासा करने में लगी हुई थी। इसी क्रम में बीते सोमवार की रात करीब साढ़े आठ बजे मुखबिर की सूचना पर जमानियां क्षेत्र के ताजपुर चट्टी से प्रभारी निरीक्षक व स्वाट टीम ने अभियुक्तगण अरबाज व मेराज को गिरफ्तार किया। उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू व अभियुक्तगण द्वारा वारदात के समय पहने हुए कपड़े को बरामद किया गया।
आखिर ये में मेराज और अरबाज है कौन? ये दोनों उस लड़की के भाई हैं जिससे टीपू प्रेम करता था. टीपू और लड़की के प्रेम की दास्तान लड़की के घर वालों को पता थी. जिसको लेकर टीपू का झगड़ा भी लड़की के घर वालों से हुआ था. बीते 29 जुलाई की शाम टीपू ने लड़की को उसके घर के बगल में दुपट्टा खिंच कर प्यार का इजहार किया था, इसकी जानकारी लड़की के भाइयों मेराज आलम और अरबाज को हो गई. दोनों ने टीपू का काम तमाम करने की योजना बनाई और 31 जुलाई को टीपू की लाश मिली.
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