Special Report || एक तरफ जहाँ उत्तर प्रदेश में मजबूत कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए योगी सरकार किसी भी अपराधी पर नरम पड़ने के मूड में नहीं है तो वहीँ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो डंके की चोट पर कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं. जी हाँ धमकी ऐसी जिसमे बम, विधायक और शूटर का जिक्र है, धमकी ऐसी जिसमे जातीय मानसिकता की तस्वीर झलकती है. जी हाँ ये मामला उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर का है और धमकी देने के लिए आजमगढ़ के विधायक दुर्गा प्रसाद यादव का नाम लिया गया. केवल नाम ही नहीं लिया गया, ये भी कहा गया मैं उनका शूटर बोल रहा हूँ. बात यही तक नहीं थी, धमकी जिसके पक्ष में दिया गया वो एक सरकारी कर्मचारी है वो भी कानूनगो.
ये आरोप गाजीपुर के मोहम्दाबाद तहसील के बालापुर गाँव के निवासी विनोद पाण्डेय ने लगाया है. विनोद पाण्डेय का कहना है बद्री राम नाम के व्यक्ति मेरे गाँव के ही हैं. राजस्व विभाग में कानूनगो पद पर सैदपुर तहसील में कार्यरत हैं. गोलबंद किस्म के व्यक्ति हैं, लड़कों को लेकर मारपीट करते रहते हैं. किसी महिला से विवाद है, छेड़ छाड़ भी किया है इन्होने और मुझे धमकी दे रहे हैं. इनकी वजह से मैं दहशत में हूँ.
सवाल ये है कि जिस व्यक्ति ने विनोद पाण्डेय को फ़ोन करके धमकी दी उसने अपने आप को विधायक दुर्गा प्रसाद यादव का शूटर बताया. एक विधायक के नाम का इस्तेमाल करके धमकी देना, अपने आप को कानून को चुनौती देना है. खैर विनोद पाण्डेय ने इस मामले डीएम और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर प्रार्थना पात्र दिया है.
कानून व्यवस्था को चुनौती या कानून व्यवस्था की चुनौती. जी हाँ मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्यों एक विडियो सामने आया है जिसमे पुलिस कर्मी, कवादियों पर लाठी भजते नज़र आ रहे हैं.
एक तरफ जहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कावड़ियों की सुरक्षा को लेकर सख्त हैं, कांवड़ियों पर जहां एक तरफ फूलों की बारिश हो रही है, वहीं दूसरी ओर UP के सीतापुर में लाठियों की बारिश करनी पड़ गई. ये लाठी चार्ज (Lathi Charge) सीतापुर के श्यामनाथ मंदिर के पास कांवड़ियों पर किया गया.
खबरों के अनुसार कांवड़ियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उनसे धक्का-मुक्की भी की. भगदड़ में कई कांवड़िये घायल हुए हैं. मंदिर में दर्शन के लिए खड़े श्रद्धालुओं के प्रति पुलिस के इस तरह के व्यवहार की हर तरफ आलोचना हो रही है. साथ ही पुलिस के इस रिएक्शन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. वायरल हो रहे वीडियो (viral Video) में पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं पर लाठियां बरसाते नजर आ रहे हैं. बचने के लिए इधर-उधर भाग रहे कांवड़ियों को भी पीटा गया. कहा जा रहा है कि अगर पुलिस ने पहले से भीड़ को नियंत्रित करने के इंतजाम कर लिए होते तो शायद ऐसा नहीं होता.
वैसे जहाँ पहले से इंतज़ाम की बात है इस मामले में प्रशासन के फेल होने की खबरें आती रहती हैं. अब गाजीपुर की इस खबर को देखिये, यहाँ आकाशीय बिजली गिरने से 3 बच्चों की मौत हो गई. हमारे संवादाता हसीन अंसारी ने बताया कि ग़ाज़ीपुर के भुड़कुड़ा थाना क्षेत्र के मस्तीपुर गांव में आकाशीय बिजली गिरने से तीन बच्चों की मौत हो गई।जबकि हादसे में एक किशोर बुरी तरह झुलस गया, जिसका इलाज चल रहा है।भुड़कुड़ा क्षेत्र के मस्तीपुर गांव निवासी मुकेश पुत्र सुरेंद्र सरोज 13 वर्ष, सागर सरोज पुत्र शीतला प्रसाद 15 वर्ष, अभिषेक पुत्र मोती 12 वर्ष व आशीष पुत्र जितेंद्र 10 वर्ष गांव के बगल में मंगई नदी के किनारे पशुओं को लेकर चराने गए थे। उसी समय अचानक शुरू हुई तेज बरसात के साथ आकाशीय बिजली गिरने से सभी बच्चे अचेत होकर खेत मे गिर गए। बगल में धान की रोपाई कर रही महिलाओं ने शोर मचाया तब गांव वालों सभी को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जखनिया पहुंचे।जहां डॉक्टरों ने मुकेश, सागर,और अभिषेक को मृत घोषित कर दिया।जबकि आशीष का इलाज चल रहा है।
सवाल ये है कि क्या आकाशीय बिजली को लेकर प्रशासन का जागरूकता कहीं चलता भी है की नहीं और अगर चलता है कहाँ चलता है? क्या वो काफी है. शायद इस रिपोर्ट को पढ़कर किसी की तो आँखे खुलें. बड़े बड़े इमारतों और मोबाइल टावर पर सबसे ऊपर अपने एक पातले लम्बे डंडे जैसा कुछ देखा होगा, वो एक तरह का यंत्र है, जो आकाशीय बिजली को सीधे जमीन में पहुँचा देता है यानि मोटी भाषा में किसी को नुकशान होने की सम्भावना कम हो जाती है. इस यंत्र को तड़ित चालक कहते हैं. इसमें बहुत खर्च नहीं आता.
ख़बरों के अनुसार हाल ही में देश के अलग अलग हिस्सों में बिजली गिरने की खबरें आई थीं और इसमें कई लोगों की मौत भी हो गई थी. कई रिपोर्ट्स में सामने आया है कि अगर वहां तड़ितचालक लगा होता तो ये हादसा टाला जा सकता था. दरअसल, इस यंत्र के जरिए बिजली गिरने से होने वाले प्रभाव को कम किया जा सकता है. ऐसे में आप घर ही तड़ितचालक लगवाकर अपने घर पर बिजली गिरने से बचा सकते हैं.
लाइटनिंग रॉड या लाइटनिंग एरेस्टर कहा जाता है, जिसका हिंदी में नाम तड़ित चालक यंत्र भी कहा जाता है. यह कॉपर का बना होता है और इसे घर के ऊपर लगा दिया जाता है. इसे बाद तारों के द्वारा इसकी अर्थिंग को जमीन में कर दिया जाता है. यह आपने कई बड़ी इमारतों, मंदिर या टॉवर पर देखा होगा, इससे बिजली गिरने से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है. यह ऊपर से पतला होता है और नीचे से थोड़ा मोटा होता है. दरअसल, इससे ज्यादा से ज्यादा पावर का करंट भी सीधे जमीन में चला जाता है, जिससे खतरा काफी कम हो जाता है.
अगर आप भी अपने घर में तड़ित चालक यंत्र लगवाना चाहते हैं तो आपको ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. आप आसानी से अपने घर पर किसी भी इलेक्ट्रीशियन को बुलवाकर ये लगवा सकते हैं. वैसे तो कोशिश करनी चाहिए, जब आपका घर बन रहा हो, उसी वक्त ये यंत्र घर पर लगवा लेना चाहिए, जिससे दुर्भाग्यवश अगर आकाशीय बिजली गिर जाती है तो आपके घर और आपको कोई नुकसान नहीं होगा.
सवाल ये है कि क्या प्रशासन को इस बारे में नहीं सोचना चाहिए? जब इस तरफ के कम खर्च वाले उपकरण से किसी की जान बचाने का प्रयास हो सकता है तो इसे करना चाहिए.
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