अपने “धर्म” को ख़तरे से बाहर निकालने के लिए व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी पर दिन रात मेहनत करने वालों युवाओं को उस वक़्त झटका लग सकता था जब ये पता की बंटी एंड ब्रदर गाजीपुर के किसानों का करोड़ों का अनाज लेकर चम्पत्त हो गये. लेकिन क्या करें उन युवाओं ने सोचा अनाज तो उगा लेगें पहले “धर्म” ख़तरे में हैं…
खैर इस व्यंग का अर्थ समझने के लिए उन युवाओं को व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी छोड़ना पड़ेगा, जो उनसे होगा नहीं. उम्मीद है की आप इस खबर को गंभीरता से लेंगें. इस रिपोर्ट में द ठग्स ऑफ़ गाज़ीपुर बंटी एंड ब्रदर्स हैं, करीब 15 वर्षों का विश्वास है, 24 किसान हैं और एक करोड़ का अनाज है और हाँ जिलाधिकारी भी तो हैं. चलिए किरदारों का परिचय हो गया है तो अब इस रिपोर्ट को गंभीरता से पढियेगा…
सरकार की किसानों को आढ़तियों और बिचौलियों से बचाने की सारी कवायद धरी की धरी रह गई, जब गाजीपुर में कुछ गल्ला व्यवसाईयों ने करीब 24 किसानों से एक करोड़ कीमत का अनाज लेने के बाद भुगतान नहीं किया।
उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर के किसानों के साथ एक बड़ा धोखा होने का मामला प्रकाश में आया है।मुहम्मदाबाद तहसील के राजापुर हरदासपुर और कई अन्य गांव के करीब दो दर्जन किसानों के अनाज खरीदने के बाद गल्ला व्यवसाई फरार हो गया। किसानों से उधारी करार पर अलग-अलग तिथियों को बंटी जायसवाल और उसके सहयोगियों ने किसानों से गेहूं,चना मसूर आदि तो खरीद लिया। लेकिन भुगतान के वक्त वह अपना मोबाइल ऑफ करके नौ दो ग्यारह हो लिए।इस मामले में करीमुद्दीनपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
बंटी और ब्रदर के ऊपर फर्जी डॉक्यूमेंट के बिनाह पर कारोबार करने का आरोप लगा है
पीड़ित किसानों में से एक मृत्युंजय राय ने मीडिया को बताया के बंटी जयसवाल का पूरा नाम ओमजी जायसवाल है ।लेकिन प्रीप्लानिंग के तहत किसानों को ठगने के लिए उसने बंटी जायसवाल के नाम से आधार कार्ड बनवाया हुआ है। वही उसके भाई आकाश जायसवाल ने अवकाश जयसवाल के नाम से आधार कार्ड बनवाया है। जायसवाल बंधु विगत 15-16 सालों से स्थानीय किसानों के अनाज खरीदने के कारोबार से जुड़े हुए थे ।किसानों का विश्वास हासिल करने के बाद उन्होंने इस वर्ष अप्रैल महीने में गेहूं और अन्य अनाजों की तौल कराई। बताया जा रहा है कि इन आरोपियों ने सरकारी खरीद केंद्र कि 2050 रुपए प्रति कुंतल की दर से ज्यादा भुगतान करने का आश्वासन किसानों को दिया था। किसान ज्यादा मुनाफा देखते हुए अपना अनाज उन्हें बेचने को तैयार हो गए ।किसानों से जायसवाल बंधुओं ने उधारी करार के शर्त पर एक महीने बाद पेमेंट करने की बात रखी थी।लेकिन, पेमेंट करने का जब वक्त आया तो सभी गांव छोड़कर लापता हो गए। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि जायसवाल बंधुओं ने अपने वार्ड के कुटुंब रजिस्टर के अभिलेखों में भी हेराफेरी कराई है ताकि इनकी शिनाख्त ना हो पाए।
एक करोड़ का अनाज घोटाला।
किसानों ने इस मामले में अपने साथ हुई धोखाधड़ी के मामले को आधार बनाते हुए करीमुद्दीनपुर थाने में तहरीर देकर एफआईआर दर्ज करायी है। जायसवाल बंधुओं ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर करीब 24 किसानों से एक करोड़ कीमत का अनाज का उठान तो कर लिया। लेकिन भुगतान नहीं किया है। अब इस मामले में परेशान किसानों ने जिलाधिकारी से मिलकर जायसवाल बंधुओं पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही करने की मांग की है। किसानों का कहना है कि इन जालसाज गल्ला कारोबारियों पर कानूनी कार्रवाई करते हुए जायसवाल बंधुओं से उनका पेमेंट कराएं साथ ही जायसवाल बंधुओं की प्रॉपर्टी को प्रशासन चीज करें।
जालसाजों पर होगा एक्शन
इस मामले पर जिलाधिकारी एमपी सिंह ने मीडिया को बताया कि उनके कार्यालय में कुछ किसान मिलने आए थे। ज्यादा दर पर गेहूं खरीदने का प्रलोभन मिलने पर उन्होंने सरकारी क्रय केंद्र की जगह किसी स्थानीय गल्ला व्यवसाई को अपना अनाज बेचा है ।मामला उनकी जानकारी में आया है।वह इस मामले की सघन जांच कराकर दोषियों के खिलाफ एक्शन लेंगे। साथ ही साथ इन जालसाज व्यवसायियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई करने का विचार प्रशासन कर सकती है।
Categories: Apna Uttar Pradesh, Breaking News, Special News