पेट्रोल, डीजल, गैस, किराने का सामान ये सबके दामों की रफ़्तार ऐसे बढ़ रही है जैसे बुलेट ट्रेन चल चुकी है और उसमे यही सब ढ़ोया जा रहा है. हो सकता धर्म के नाम पैदा होते आक्रोश की आग में महंगाई जल कर भम्स हो रही हो और उसी भस्म को युवा अपने माथे पर लगाये टीवी के मैटिनी शो का आनंद ले रहे हों. वैसे भी आज के युवाओं को वायलेंस वाली फिल्मे ज्यादा पसंद आती हैं. आये भी क्यों न आप अपने आस पास के युवाओं और नाबलिकों को देखा ही होगा. हर शाम चार मित्र मिलकर दुसरे से बदला लेने की प्लानिंग करते होंगे कि उसके उस गली में पिटेंगें. अब ये मत कहना की नहीं देखा. स्कूल और कॉलेज के बाहर तो जरुर देखा होगा, अध्यापक अपने दिल पर हाथ रख के खुद से पूछे क्या ये झूठ है? यही नहीं वायलेंस से इतनी मोहब्बत हो चुकी हैं कि रास्ते में धक्का लग जाने पर ये युवा सरेआम बुजुर्गों की भी पिटाई कर देते हैं और हमेशा की तरह मूकदर्शक अपनी चुप्पी से इनको बढ़ावा देते हैं. पुलिस तक में शिकायत नहीं करते. अब 112 नम्बर भी तब भी नहीं करते.
खैर कुछ खाने पिने की चीजों के दाम वही हैं लेकिन वजन कम हो गया है लेकिन धर्म के चर्चाओं का वजन इतना बढ़ गया है कि कुछ टीवी न्यूज़ चैनलों को इतना भी वक़्त नहीं की वो जनहित की बनातें कर सकें. बहरहाल ज्ञानवापी, मथुरा, ताजमहल के बाद अब राष्ट्रगान के मुद्दे ने भी जोर पकड़ लिया है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मदरसों को लेकर एक नया आदेश जारी किया है। इस शासनादेश के अनुसार प्रदेश में संचालित हो रहे सभी मान्यता प्राप्त अनुदानित व गैर अनुदानित मदरसों में कक्षाएं शुरू होने से पहले राष्ट्रगान की अनिवार्यता कर दी गयी है।
इस नये शासनादेश को लेकर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. यूपी के गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद के मौलवियों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
मुहम्मदाबाद के ही रहने वाले मौलाना अनवार हुसैन सिद्दीकी ने इस नये शासनादेश को लेकर मीडिया को बताया कि यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का आदेश है और वह इस आदेश का स्वागत करते हैं, लेकिन वह यह गुजारिश भी करते हैं कि पाकिस्तान चूंकि भारत का दुश्मन मुल्क है और राष्ट्रगान में एक शब्द सिंध का भी इस्तेमाल किया गया है। ऐसी सूरत में पाकिस्तान से जब भारत के रिश्ते तल्ख हैं, तो वह सिंध का यशगान नहीं कर सकते। मौलवी सिद्दीकी ने मांग की, कि राष्ट्रगान पर सिंध शब्द को हटाकर किसी और शब्द का प्रयोग किया जाय। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के वजीरे आला का यह आदेश है और वह इसका इश्तकबाल करते हैं। अनवार हुसैन सिद्दीकी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के वजीरे आला एक संत भी हैं। उन्हें इस बात को समझना चाहिए कि वह एक महंत साधु हैं। उनके सामने इंसानियत पहले है। हिन्दू-मुसलमान बाद में हैं।
उन्होंने वजीरे आला (यूपी सीएम) से अपील करते हुए कहा कि हिन्दू-मुस्लिम मंदिर-मस्जिद से ऊपर उठकर प्रदेश की तरक्की के लिए काम किया जाना चाहिए। अगर सूबे की सरकार और सीएम मुसलमानों के लिए अगर एक कतरा पसीना बहायेंगे, तो उनका दावा है कि मुसलमान अपने जिस्म के एक-एक कतरे खून को बहा देंगे।
आगे उन्होंने यूपी सरकार की बुलडोर नीति पर तंज करते हुए कहा कि बुलडोजर चलने का वह स्वागत करते हैं, लेकिन उन्होंने यह भी देखा है कि ठेले पर गन्ना बेचने वाला गिड़गिड़ाता रह गया और उसकी एक नहीं सुनी गयी।
वहीँ मुमताज अंसारी मदरसा आचार्य अनुदेश के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार और मोदी सरकार की नीतियों से वह पूरी तरह संतुष्ट हैं। जहां तक मदरसों में राष्ट्रगान गाने का जो शासनादेश जारी किया गया है, इसका मैं स्वागत करता हूं और गुरुवार को पूरे देश में मनोयोग से मदरसों के छात्र व स्टाफ ने तहेदिल से इसे गाया है और मरते दम तक व आखिरी सांस तक वह राष्ट्रगान का गायन करते रहेंगे। देश का राष्ट्रगान आपसी भाईचारा, प्रेम और देशभक्ति को बढ़ावा देने वाला है।
(यह रिपोर्ट मीडिया प्लेटफार्म पर प्रकाशित खबर पर आधारित है)
Categories: Apna Uttar Pradesh, Breaking News, Special News