अयोध्या में अराजक तत्वों की ओर से एक संप्रदाय के धर्म ग्रंथ पर अभद्र टिप्पणी लिखी बातों के कागज शहर की दो मस्जिदों समेत तीन स्थानों पर फेंके गए थे. बुधवार की सुबह इसकी जानकारी होते ही अयोध्या पुलिस और प्रशासन के अधिकारी तेजी से हरकत में आए और किसी अनहोनी की आशंका को समय रहते टाल दिया.

इस बीच, अयोध्या पुलिस ने बताया कि मामले में अभी तक 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने कहा कि आरोपियों पर NSA के तहत कार्रवाई की जाएगी.

मामले को लेकर एसएसपी अयोध्या शैलेश पांडे ने बताया, “दो धार्मिक स्थलों पर और एक जगह सड़क पर आपत्तिजनक वस्तु और आपत्तिजनक बातें लिखीं सामग्री फेंकी गई थीं. पुलिस टीम को इसकी जानकारी हुई और इन चीजों को कब्जे में लेकर विधिक कार्रवाई चल रही है. मामले में केस दर्ज कर लिया गया है. यह किसी शरारती तत्वों का काम है जो अमन चैन को खराब करना चाहते थे.”

एसएसपी ने कहा, “हम लोगों से अपील करते हैं कि अयोध्या में सभी लोग अमन चैन से रहें, इसलिए किसी तरह की अफवाह पर यकीन न करें और जो अराजक तत्व है और गलत मंशा से यह किया है उसको बख्शा नहीं जाएगा. हमारी टीम में मामले की जांच में लगी हुई है.”

साजिश रचने वाले आरोपी कौन हैं?

  • अयोध्या में धार्मिक भावनाएं भड़का दंगा कराने की साजिश में शामिल आरोपियों में सबसे बड़ा किरदार महेश कुमार मिश्रा का है. महेश कुमार मिश्रा ही इस साजिश का मास्टरमाइंड है. महेश मिश्रा पर साजिश को अंजाम देने के लिए भड़का कर लोगों को इकट्ठा करने के आरोप हैं. महेश कुमार मिश्रा बीते कुछ सालों से ‘हिंदू योद्धा’ नाम का अपना संगठन चलाता है. महेश अयोध्या के ही कुछ नौजवान लड़कों को इकट्ठा कर कट्टर हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ा रहा है. फेसबुक पर अपने विचारों को कट्टरता से रखने वाला महेश कुमार मिश्रा लंबे समय से आरएसएस से भी जुड़ा रहा है. महेश मिश्रा के भाई विशाल मिश्रा की मानें, तो वह आरएसएस का पूर्णकालिक सदस्य है. इसके अलावा बजरंग दल में जिला संयोजक के पद पर रहा है. साथ ही, वीएचपी में प्रांत सुरक्षा प्रमुख का पदाधिकारी भी रहा. दिल्ली और खरगोन में हुई हिंसा के बाद महेश मिश्रा के अंदर कट्टरता बढ़ने लगी थी. हर गुरुवार को अपने कुछ नौजवान साथियों के साथ महेश मिश्रा अयोध्या के किसी न किसी मोहल्ले में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ भी करने लगा था.
  • इस साजिश में दूसरे नंबर का आरोपी प्रत्यूष श्रीवास्तव बैंड बाजे की दुकान में काम करता है. बताया जा रहा है कि प्रत्यूष ही वह व्यक्ति है, जिसने चौक की मोहम्मद रफीक बुक स्टोर से ₹500 में धार्मिक ग्रंथ की दो कॉपियां खरीदी थीं और सामने पम्मी कैप हाउस से जालीदार टोपी भी ली थी.
  • तीसरा किरदार बृजेश पांडे का है. रिपोर्ट्स के मुताबिक बृजेश पांडे के घर में बैठकर यह पूरी साजिश रची गई. वह एक तरह से झोलाछाप डॉक्टर है. उसने डेंटिस्ट्री में डिप्लोमा कर रखा है.
  • चौथा आरोपी नितिन कुमार अयोध्या के शहर कोतवाली इलाके की हमदानी कोठी का रहने वाला है. नितिन कुमार दिल्ली के फैक्ट्री मैं काम करता था, लेकिन बीते कुछ महीनों से वह अपने घर पर ही आकर रहने लगा था. धार्मिक होने के चलते नितिन की मुलाकात सुंदरकांड के दौरान महेश मिश्रा से हुई थी और तभी से नितिन महेश मिश्रा का शागिर्द बन गया था.
  • पांचवां आरोपी दीपक कुमार गौड़ आटा चक्की पर काम करता है. कम पढ़ा लिखा है.
  • छठवें और सातवें आरोपी शत्रुघ्न प्रजापति और विमल पांडे स्थानीय स्तर पर पोर्टल चलाते हैं.

फिलहाल इस संबंध में अयोध्या एसएसपी शैलेश पांडे का कहना है कि हर आरोपी की भूमिका की पुष्टि की जा रही है. फरार चार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद हर एक व्यक्ति के भूमिका और साफ हो पाएगी.

एक खबर के अनुसार मई 2016 में बजरंग दल के स्पेशल ट्रेनिंग कैंप में अयोध्या के कारसेवक पुरम में हथियारों बंदूकों के साथ ट्रेनिंग का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें मुस्लिम धर्म और मुस्लिम लोगों को मारने काटने जैसे शब्दों का प्रयोग हुआ था. इस वीडियो में महेश मिश्रा नजर आया था. वीडियो वायरल होते ही प्रदेश और देश की सियासत में गर्मा गई. उस समय उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी जिसने इन पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और सामाजिक घृणा फैलाने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर महेश मिश्रा को गिरफ्तार किया था.

मुख्य आरोपी महेश मिश्र (सोर्स: google.com)

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