Apna Uttar Pradesh

नफरत के बाजार पर केंद्र की तलवार, गाजीपुर में कैसे मानेगा ईद का त्यौहार?

टीवी के मैटिनी शो पर नफरत को इस हद तक परोस दिया गया है कि लगता है वो अब दंगाई बनाने की फैक्ट्री में तब्दील होते जा रहे हैं. ख़बरों के भड़काऊ हैडलाइन, TRP के लिए तथ्यों को छिपाना, पीड़ितों के दर्द का मजाक उड़ना… हद हर दिया है कुछ टीवी के न्यूज़ चैनलों ने. क्या कुछ मिडल क्लास के पढ़े लिखे भी महान हैं उन्हें इसी में आनंद आता है.

क्या आपने ने कभी सोचा है कि आपके गाँव शहर की समस्याओं को टीवी पर प्रमुखता से क्यों नहीं दिखाया जाता, बड़े चैनलों के रिपोर्टर तो आपके गाँव और शहर में भी आते होंगे, कवरेज भी करते होंगे, कई स्थानीय प्रेसवार्ता को भी कवर करते होंगे फिर उन चीजों को प्राथमिकता से दिखाया क्यों नहीं जाता. दिन भर हिन्दू मुस्लिम के मुद्दे पर बहस, पाकिस्तान पर बहस और अब तो रूस युक्रेन युद्ध और दिल्ली दंगों के कवरेज में हद ही हो गई.

खैर अब तो केंद्र सरकार भी सख्त हो गई है यूक्रेन-रूस युद्ध और दिल्ली दंगों की टेलीविजन कवरेज पर आपत्ति जताते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार को समाचार चैनलों को सख्त एडवाइजरी जारी किया है। सरकार ने उनसे संबंधित कानूनों द्वारा निर्धारित कार्यक्रम संहिता का पालन करने को कहा है।

सरकार ने किस नियम का पालन करने को कहा वो आपको बताएँगे पहले उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर के जिलाधिकारी के इस बात पर एक नज़र डालिए.

डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने सभी से जनपद में शांति एवं गंगा जमुनी तहजीब को बरकरार रखते हुए त्योहारों को मनाए जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि त्योहारों में कोई नई परंपरा की शुरुआत नहीं होगी। उच्चतम न्यायालय के जो निर्देश लाउडस्पीकर के संबंध में दिए गए हैं उनका पालन करना होगा। कहा की लाउडस्पीकर की आवाज धार्मिक स्थल परिसर से बाहर नहीं जानी चाहिए।  बिना अनुमति के कोई भी जुलूस या शोभा यात्रा नही निकाले जाएंगे। उन्होंने सभी से स्पष्ट रूप से कहा कि धार्मिक स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र की आवाज एक निर्धारित मानक के अनुरूप होनी चाहिए। कहा की जुलूस के दौरान कोई भी व्यक्ति अस्त्र और शस्त्र का प्रयोग नहीं कर सकता है और ना ही कोई ऐसी भड़काऊ भाषण देगा जिससे किसी संप्रदाय के व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सके। डीएम ने जनपद में त्यौहारो को मद्देनजर साफ-साफाई, प्रकाश, विद्युत, पानी की व्यवस्था, जर्जर सड़क को मरम्मत कराने का सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया।

गौरतलब है कि प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है, इसी क्रम में रमजान, ईद एवं अक्षयतृतीया के त्यौहार को सकुशल एंव शांतिपूर्णढंग से सम्पन्न कराने तथा आगामी त्योहारों के मद्देनजर शुक्रवार की शाम शहर कोतवाली परिसर में डीएम मंगला प्रसाद सिंह की अध्यक्षता एवं एसपी रामबदन सिंह की उपस्थित में शांति समिति की बैठक सम्पन्न हुई। इसमें विभिन्न समुदायों के प्रबुद्धजनों, मौलवियों, पुजारियों, मुतवल्लियों एव धर्मगुरुओं के साथ डीएम-एसपी ने वार्ता की। प्रशासन के इस कदम की सभी ने तारीफ की.

एक तरफ उत्तर प्रदेश में जहाँ प्रशासन नफरत का समाधान निकाल रहा है तो वहीँ कुछ मीडिया चैनलों ने नफरत का प्रचार करने की होड़ मची हुई है. केंद्र सरकार ने इसके लिए यूक्रेन-रूस युद्ध पर रिपोर्टिंग करते समय समाचार एंकरों द्वारा ‘हाइबरबोलिक’ (बढ़ा- चढ़ाकर) बयानों और निंदनीय सुर्खियों और टैगलाइनों’ के विशिष्ट उदाहरणों का हवाला दिया। टीवी चैनलों ने असत्यापित सीसीटीवी फुटेज को प्रसारित कर उत्तर पश्चिमी दिल्ली में घटनाओं की जांच प्रक्रिया को बाधित किया। एडवाइजरी में यह भी कहा कि उत्तर पश्चिमी दिल्ली की घटनाओं पर टेलीविजन चैनलों पर कुछ बहसों में असंसदीय, उत्तेजक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा का प्रयोग किया गया। पिछले हफ्ते हनुमान जयंती जुलूस के दौरान उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी ।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एडवाइजरी में टेलीविजन चैनलों पर सामग्री प्रसारित करने के तरीके के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है। इसने चैनलों को दृढ़ता से सलाह दी कि वे केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 और उसके तहत नियमों का उल्लंघन करने वाली किसी भी सामग्री को प्रकाशित और प्रसारित करने से तुरंत बचें।

अधिनियम के तहत कार्यक्रम संहिता की धारा 6 में कहा गया है कि केबल सेवा में कोई भी कार्यक्रम नहीं चलाया जाना चाहिए,  जो अच्छे स्वाद या शालीनता के खिलाफ हो। जिसमें मित्र देशों की आलोचना शामिल है, जिसमें धर्मों या समुदायों पर हमला या धार्मिक समूहों के प्रति अवमानना ​​करने वाले दृश्य या शब्द शामिल हैं या जो सांप्रदायिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हैं। जिसमें अश्लील, मानहानिकारक, जानबूझकर, झूठे और विचारोत्तेजक संकेत और अर्धसत्यकुछ भी शामिल हों।

एडवाइजरी में कहा गया कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर रिपोर्टिंग करते समय यह देखा गया है कि चैनल झूठे दावे कर रहे हैं और अक्सर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों या एक्‍टर्स को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। इस दौरान निंदनीय सुर्खियों या टैगलाइन का उपयोग पूरी तरह से समाचार से संबंधित नहीं है। यह भी देखा गया कि इन चैनलों के कई पत्रकारों और समाचार एंकरों ने दर्शकों को उकसाने के इरादे से ‘मनगढ़ंत और अतिशयोक्तिपूर्ण’ बयान दिए।

एडवाइजरी में ‘परमाणु पुतिन के बारे में चिंतित जेलेंस्की’, ‘परमाणु एक्शन की चिंता से जेलेंस्की को डिप्रेशन’ जैसे टैगलाइन या सुर्खियों के उपयोग के उदाहरणों का भी हवाला दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के असत्यापित दावे को गलत तरीके से उद्धृत करते हुए कहा गया कि तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो चुका है।

एडवाइजरी में कहा गया कि एक चैनल ने यूक्रेन पर आगामी परमाणु हमले का सबूत होने का दावा करते हुए मनगढ़ंत तस्वीरें प्रसारित कीं। यह पूरी तरह से दर्शकों को गुमराह करने और उनके अंदर मनोवैज्ञानिक उथल-पुथल पैदा करने का इरादा रखता है।

दिल्ली दंगों पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक समाचार चैनल पर बार-बार तलवार लेकर एक विशिष्ट समुदाय के एक व्यक्ति की वीडियो क्लिपिंग और दूसरे चैनल द्वारा किए गए दावों पर आपत्ति जताई कि धार्मिक जुलूस को निशाना बनाने वाली हिंसा पूर्व नियोजित थी। मंत्रालय ने निजी टीवी चैनलों को असंसदीय, भड़काऊ और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा, सांप्रदायिक टिप्पणियों और अपमानजनक संदर्भों वाले प्रसारण बहसों के प्रति आगाह किया है, जो दर्शकों पर नकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाल सकते हैं और सांप्रदायिक वैमनस्य को भी भड़का सकते हैं और बड़े पैमाने पर शांति भंग कर सकते हैं।

Leave a Reply