UP MLC Election 2022: गाजीपुर में स्थानीय निकाय चुनाव हर दिन के साथ दिलचस्प हो रहा है. सपा प्रत्यासी भोलानाथ शुक्ला ने अपना नामांकन पहले ही वापस ले लिया है अब यहां पर भाजपा प्रत्याशी विशाल सिंह चंचल के खिलाफ में सपा समर्थित निर्दल प्रत्याशी मदन यादव चुनावी मैदान में है. मदन यादव पहले ग्राम प्रधान संघ के जिला अध्यक्ष भी रहे हैं लेकिन अब ग्राम प्रधान संघ ने उन्हें जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया और अब जो नए जिलाध्यक्ष बने हैं उन्होंने बीजेपी को सपोर्ट करने का एलान कर दिया है.
एमएलसी चुनाव को लेकर ग्राम प्रधान संघ के मंडल अध्यक्ष भंयकर सिंह यादव ने एक दिन पहले अपने सभी ब्लॉक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ कार्यकारिणी सदस्यों के साथ बैठक की. इस बैठक के बाद सभी उन्होने बीजेपी के प्रत्याशी विशाल सिंह चंचल को समर्थन करने का एलान कर दिया. बात यहीं ख़त्म नहीं उन्होंने मदन यादव पर गंभीर आरोप भी लगायें. उन्होंने कहा कि सपा समर्थित प्रत्याशी मदन यादव जो पूर्व में भाजपा एमएलसी से निधि का पैसा भी लिया और चुनाव में बगावत कर चुनाव लड़ा है. उसने प्रधान संघ को विश्वास में लिए बगैर ये चुनाव लड़ा जिसके चलते प्रधान संघ से उन्हें निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि मदन यादव के खिलाफ एक जांच हाईकोर्ट में चल रही है. ये जांच उस वक्त की है जब उनकी बेटी ग्राम प्रधान हुआ करती थी.
भयंकर यादव ने पैसा और बगावात की बात कर लोकतंत्र की आँखे खोल दी.
खैर, ग्राम प्रधान संघ के द्वारा समर्थन मिलने के बाद भाजपा प्रत्याशी विशाल सिंह चंचल काफी उत्साहित दिखे और उन्होंने प्रधान संघ के सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया. बीजेपी प्रत्याशी ने कहा कि मैंने अपने पिछले कार्यकाल में ये ध्यान दिया है कि किसी भी प्रधान या जनप्रतिनिधि की उपेक्षा ना हो और किसी भी प्रधान का अधिकारियों से विवाद ना हो. विशाल चंचल ने कहा कि प्रधान संघ को पिछले 6 साल में कोई आंदोलन नहीं करना पड़ा. वहीं जब उनसे सवाल किया गया कि 2 दिन पहले सपा समर्थित प्रत्याशी मदन यादव ने बीजेपी प्रत्याशी को निर्दलीय बताया है तो उन्होने कहा कि वो सपा के प्रत्याशी नहीं हो सकते क्योंकि सपा प्रत्याशी ने अपना पर्चा वापस ले लिया है. लेकिन हमारे नामांकन में भाजपा का ए बी फार्म लगा है और उनके नामांकन में कोई फार्म नहीं है. सपा अपनी इज्जत बचाने के लिए 2-4 विधायक फोटो खिंचवाने का काम कर रहे हैं इससे ज्यादा कुछ नहीं है.
बता दें कि, गाजीपुर जिले में कुल 16 ब्लॉक के ब्लाक प्रमुख मतदाता, 7 विधानसभा के विधायक मतदाता, 1 सांसद, 1 शिक्षक एमएलसी, 1 स्नातक एमएलसी, करीब 1238 ग्राम प्रधान मतदाता, 1679 बीडीसी मतदाता, 26 मतदाता गाजीपुर नगरपालिका में, 26 जमनिया नगरपालिका में, 26 मोहम्दाबाद नगरपालिका में, 16 सैदपुर नगरपंचायत में, 14 बहादुरगंज नगरपंचायत में,12 सादात नगरपंचायत में,12 जंगीपुर नगरपंचायत में और 12 मतदाता दिलदारनगर नगरपंचायत में हैं. यानि कुल करीब 3161 जनप्रतिनिधि इस एमएलसी चुनाव में अपने मत का प्रयोग करेंगें. 9 अप्रैल को सभी ब्लॉक मुख्यालयों पर मतदान होगा और 12 अप्रैल को मतगणना होगी. इस चुनाव के लिए शासन की तरफ से प्रेक्षक भी नियुक्त किए जा चुके हैं.
चुनाव में दोनों पार्टियों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चालू है.
गाजीपुर के एमएलसी चुनाव में समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं.
- पहला आरोप है कि साजिश के तहत सपा प्रत्यासी भोलानाथ शुक्ला का पर्चा वापस करवाया गया.
- दूसरा आरोप है कि जब निर्दल प्रत्यासी मदन यादव को सपा ने समर्थन दिया तो उनपर दबाब बनाने के लिए प्रशासन को बुलडोजर के साथ उनके घर भेजा गया.
- तीसरा आरोप लगा की सपा विधायक को परेशान करने के लिए मोहम्दाबाद में उनके घर रात में पुलिस से छापा मरवाया गया.
- चौथा आरोप लगा है कि सोमवार की रात में मुहम्मदाबाद क्षेत्र के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शशिकांत शर्मा को भाजपा का झंडा लगाने का विरोध करने पर मारापीटा गया और फर्जी केस में पुलिस ने गिरफतार कर लिया, हिरासत में भी शशिकांत शर्मा को पुलिस ने मारापीटा। शशिकांत शर्मा प्रधान संघ के जिला महामंत्री है।
- पांचवा आरोप लगा है कि भाजपा के लोग खुल्लमखुल्ला पैसा बांट रहें है और प्रशासन मौन देख रहा है, उल्टे दबाव बनाने के लिए जमानियां, भदौरा और सैदपुर के ब्लाक प्रमुख के खिलाफ प्रशासन ने जांच बैठा दिया है।
मंगलवार को सपा के विधायकों ने समता भवन पर प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान पूर्व मंत्री और जमनिया विधायक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि मदन यादव चुनाव जीत रहें है और हर गरीब उनके साथ खड़ा है। पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर भाजपा के इशारे पर कार्य कर रही प्रशासन द्वारा सपा कार्यकर्ताओ का उत्पीड़न नही रोका तो समाजवादी पार्टी एक बड़ा आंदोलन करेगी। ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि आज सपा का प्रतिनिधि मंडल पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह से मिला और सारी घटनाओ की जानकारी दी।
मंगलवार को सपा समर्थित निर्दल प्रत्यासी मदन यादव ने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि हमारे विरोधी मतदाताओं को डरा धमका रहे हैं और उनका मूल प्रमाणपत्र ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि मतदान के दिन ग्राम सचिव और बीडीओ को बैठाया जाये ताकि फर्जी मतदान न हो सके यदि उस दिन फर्जी मतदान हुआ तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.
क्या वाकई सपा, भाजपा के चक्रव्यूह में फ़स गई है?
सपा का आरोप है कि भाजपा सत्ता का दुरपयोग कर रही है, पैसे बाट रही है और गुंडागर्दी कर रही है. अब समझने की जरुरत है कि गाजीपुर में सपा के 7 विधायक हैं, शिक्षक और स्नातक यानि 2 एमएलसी भी सपा के हैं, वर्तमान परिस्थितियों में सांसद भी भाजपा को समर्थन देते हुए नज़र नहीं आ रहे हैं. जहाँ तक रही नगरपालिका और नगरपंचायत की बात तो 50 फिसद से ज्यादा सदस्य सपा को समर्थन देते हैं. ग्राम प्रधान की बात करें तो करीब 416 यादव, 53 मुस्लिम, 324 अनुसूचित, 76 क्षत्रिय, 2 कायस्थ्य, 26 ब्राहमण, 41 भूमिहार और करीब 300 अन्य हैं, जानकारों का मानना है की करीब 60 फिसद प्रधान और 50 फिसद बीडीसी सपा को समर्थन देते हैं. शायद यही कारण रहा की विधानसभा की सातों सीटों पर सपा का कब्ज़ा हुआ है.
विचारधाराओं का खेल
अब ये चुनाव पूरा का पूरा विचारधारों के खेल पर निर्भर है, विचारधाराएं भी भिन्न भिन्न प्रकार की होती हैं. देखते हैं की चुनाव में आगे क्या होता है?
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अभिनेन्द्र की कलम से…
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