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हत्या की जांच के लिए 5 दिन बाद कब्र से निकाला गया शव

गाज़ीपुर। सादात रेलवे स्टेशन रोड स्थित शिव मंदिर के सामने 29 नवंबर को गुमटी में आग लगने की घटना में झुलसने से सरैया निवासी मोची मेवालाल की मौत हो गई थी। मामले में पुत्र ने हत्या का आरोप लगाया था। इसके बाद घटना के छठे दिन रविवार को एसडीएम जखनिया वीरबहादुर यादव और तहसीलदार जयप्रकाश सिंह तथा पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में कब्र से शव निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। शांति व्यवस्था के लिए सादात और बहरियाबाद थाने की पुलिस तैनात रही।

वृद्ध विकलांग मोची मेवालाल अपनी गुमटी में सोता था। बीते 29 नवंबर को गुमटी में अज्ञात कारणों से आग लग गई थी, जिसमें मेवालाल की झुलसकर मौत हो गई थी। मृतक के पुत्र रामसेवक ने पुलिस को सूचना दिए बिना ही शव को खेत में दफना दिया था। घटना के दूसरे दिन पुत्र ने थाने में अपने पिता की हत्या का आरोप लगाते हुए पड़ोसी लक्ष्मन और उसकी पुत्री और दो पुत्रों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज होते ही हरकत में आई पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी। घटना स्थल पर सीओ सैदपुर बलराम और फोरेंसिक टीम ने आकर निरीक्षण किया था। पुलिस की ओर से रिपोर्ट भेजने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम जखनिया वीरबहादुर यादव और नायब तहसीलदार जयप्रकाश सिंह के साथ सीएचसी के चिकित्साधिकारी डा. आर प्रसाद की मौजूदगी में मोची का शव को कब्र से निकाला गया। मौके पर थानाध्यक्ष शशिचंद्र चौधरी, बहरियाबाद थानाध्यक्ष अगमदास, कानूनगो हरिशंकर सिंह सहित अन्य लेखपाल और अन्य विभागों के कर्मचारी मौजूद थे।

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