संवाददाता: विकास पाठक

जौनपुर। मरीजों को बाहर की दवा लिख रहे चिकित्सक
जिला अस्पताल पर सरकार करोड़ों रूपये सरकार खर्च कर रही है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और चिकित्सकों की मनमानी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहा है और मरीज तथा तीमारदारों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। शनिवार को जिला अस्पताल में विभिन्न के रोगों के उपचार के लिए सैकड़ों की संख्या में मरीज एकत्रित हो गये और पर्चा बनवाने के लिए लोग एक दूसरे पर टूट पड़े । कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेसिंग को दर किनार कर दिया गया। कोई कर्मचारी व्यवस्था के लिए नहीं दिया। पूरे अस्पताल में सेनेटाइजर की कोई व्यवस्था नहीं दिखी। मनमानी का साम्राज्य दिखाई दिया। वार्ड में जाकर पूछने पर मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि अधिकर दवाये बाहर से लिखी गयी है जिन्हे लेना मजबूरी है। उनका कहना था कि दवायें अस्पताल से नहीं मिल रही है। कई सौ रूपये की मंहगी दवा वे किस परेशानी से खरीद रहे है वे ही जानते है। अस्पताल में अधिकतर गरीब दिखाई दिये वे इस आशा में आते है कि सरकार द्वारा यहां दवायें मिल जायेगी लेकिन जब उन्हे रूपया देकर दवा खरीदना पड़ता है तो उनकी आशाओं पर पानी फिर जाता है। सरकार और सीएमओ कहते है कि अस्पतालों में दवायें उपलब्ध है लेकिन वास्तव में दवायें कहा जा रही है और जरूरतमंदों केा क्यो नहीं मिल पा रही है यह जांच काप विषय है। मरीजों का आरोप है कि चेम्बर में चिकित्सक नहीं मिलते बताया जाता है कि वार्ड में मरीज को देखने गये है लेकिन वे वहां भी नहीं मिलते। ओपीडी में मात्र एक चिकित्सक ही मौजूद मिले। अधिकतर चिकित्सकों का पता नहीं रहता। इस प्रकार की दुव्र्यवस्था से मरीजों को स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है और सरकार की मंशा पर अधिकारी पानी फेर रहे है।

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