ब्यूरो डेस्क | कोरोना महामारी में बढ़ते केस और तब्लीगी जामत में हुई लापरवाही पर कई सवाल उठ रहे हैं. ऐसे विपक्ष भी सत्ता धारी पार्टी पर ऊँगली उठाने में पछे नहीं है. इसी क्रम में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ा बयां दिया है.
जानकारी के अनुसार कमलनाथ ने कहा है कि “म.प्र.इकलौती ऐसी जगह है जहां न तो स्वास्थ्य मंत्री है न ही गृह मंत्री।12मार्च को हमने कोरोना से एहतियातन कॉलेज,मॉल आदि में लॉकडाउन कर दिया था।16 मार्च,मेरे इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया था क्योंकि वे म.प्र. में सरकार गिराने का इंतजार कर रहे थे,”
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस कि सरकार थी, कांग्रेस के कद्दावर नेता रह चुके ज्योतिराव सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद एक बड़ा फेर बदल हुआ, जिससे मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा और उसके बाद भाजपा कि तरफ से एक बार फिर शिवराज चौहान, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. शिवराज चौहान के शपथ ग्रहण को लेकर भी कई सवाल उठ चुके हैं. आपको बता मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का सारा कार्यक्रम कोरोना जैसे गंभीर मामले के दौरान किया जा रहा था.
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