ब्यूरो डेस्क। अभिनेन्द्र की कलम से। कोरोना से संक्रमण को लेकर पूरा देश लॉकडाउन में है. ऐसे में कई जगह लोग फंसे हुए हैं. लोग मजबूर हैं, उनमे जागरूकता की कमी हैं, ऐसे में कई जगहों से मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं.
तभी 30 मार्च को सोशल मीडिया पर एक विडियो वायरल हो गया ये वीडियो, बरेली, उत्तर प्रदेश से यही, यहां से लोग गुजर रहे थे. बरेली प्रशासन ने लोगों को सड़क पर बिठाकर केमिकल का छिड़काव किया. इस भीड़ में लोगों के पास खाने का सामान और छोटे बच्चे भी थे।
एक चर्चित चैनल के पत्रकार हैं सौरभ शुक्ला, जिन्होंने ये वीडियो शेयर किया, जरा देखिये इस वीडियो को …
INHUMAN:-Bareilly UP.
UP प्रशासन का अमानवीय चेहरा
बरेली ज़िले में दिल्ली, हरियाणा,नोएडा से आए सैकड़ों मज़दूरों और बच्चों को ज़मीन पर बैठा कर उनके ऊपर Disinfectant का छिड़काव किया गया,जिसके बाद बहुत सारे बच्चों ने अपनी आंखों में जलन की शिकायत की..via @Benarasiyaa pic.twitter.com/Hp1dqoN0x6— Saurabh shukla (@Saurabh_Unmute) March 30, 2020
गौर देखा आपने या नहीं तो फिर से देखें। इस विडियो में प्रशासन के किसी व्यक्ति की आवाज़ सुनी जा सकती है. ‘पीछे घूम जाओ. आंखें बंद कर लो. जोर से. इसका पूरा असर मुंह से होता है.’
इस वीडियो को जिसने भी देखा उसका गुस्सा फुट पड़ा, प्रशासन की ऐसी कार्यवाही की तारीफ कौन करेगा, सरकार ने सोचा नहीं फिर ये अधिकारीयों से क्या उम्मीद की जा सकती है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की नज़र इस वीडियो पर पड़ी तो उन्होंने इस मामले पर सरकार को तुरंत ध्यान देने को कहा. उन्होंने ट्वीट किया,
देश में जारी लॉकडाउन के दौरान जनउपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम हैं परन्तु प्रवासी मजदूरों पर यूपी के बरेली में कीटनााशक दवा का छिड़काव करके उन्हें दण्डित करना क्रूरता व अमानीवयता है जिसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है. सरकार तुरन्त ध्यान दे. बेहतर होता कि केन्द्र सरकार राज्यों का बॉर्डर सील करके हजारों प्रवासी मजदूरों के परिवारों को बेआसरा व बेसहारा भूखा-प्यासा छोड़ देने के बजाए दो-चार विशेष ट्रेनें चलाकर इन्हें इनके घर तक जाने की मजबूरी को थोड़ा आसान कर देती.
1. देश में जारी जबर्दस्त लाॅकडाउन के दौरान जनउपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम हैं परन्तु प्रवासी मजदूरों पर यूपी के बरेली में कीटनााशक दवा का छिड़काव करके उन्हें दण्डित करना क्रूरता व अमानीवयता है जिसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है। सरकार तुरन्त ध्यान दे।
— Mayawati (@Mayawati) March 30, 2020
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सवाल पूछा …….
– क्या इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश हैं?
– केमिकल से हो रही जलन का क्या इलाज है?
– भीगे लोगों के कपड़े बदलने की क्या व्यवस्था है?
– साथ में भीगे खाने के सामान की क्या वैकल्पिक व्यवस्था है?
यात्रियों पर सेनिटाइज़ेशन के लिए किए गए केमिकल छिड़काव से उठे कुछ सवाल:
– क्या इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश हैं?
– केमिकल से हो रही जलन का क्या इलाज है?
– भीगे लोगों के कपड़े बदलने की क्या व्यवस्था है?
– साथ में भीगे खाने के सामान की क्या वैकल्पिक व्यवस्था है? pic.twitter.com/Wgqh8Ntkky— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 30, 2020
अखिलेश यादव ने अखबार की जो क्लिप शेयर की है, उसके मुताबिक़ लोगों पर सोडियम हाईपोक्लोराइड छिड़का गया. इसके बाद कई लोगों की आंखें लाल हो गईं. तेज जलन होनी शुरू हो गई. छोटे बच्चे रोने लगे. जो अपने आप में अमानवीय है, सवाल ये है कि क्या हमारे देश में गरीबों गिनती इंसानों में नहीं होती ?
वैसे ही देश में पहला कोरोना संक्रमण का केस 30 जनवरी को आया था। WHO ने आगाह भी किया था। मजबूत तंत्र होने के बावजूद भी सरकार लेट हो गई। खैर वर्तमान स्थिति में घरों में रहे और सोशल डिस्टेंस को मेन्टेन करें। सरकार इन गरीबों के बारे में भी कुछ सोचेगी। साहब वो सरकार है न, उनके पास बहुत काम होता है।