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अभिभावक की अगुवाई में घर में पढ़ी गई जुम्मे की नमाज

गाज़ीपुर। जहां एक तरफ कोरोना वायरस की कहर से पूरा विश्व सहम उठा है, सरकारें तमाम सुविधाएं जनता तक पहुंचाने में लगी हैं, कोरोना से बचाव के लिए आम जनमानस को घर में रहने की सलाह दी जा रही और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा हेतु पुरे देश में लॉकडाउन कर दिया है। 25 मार्च यानि हिन्दुओं के पर्व नवरात्री के प्रथम दिन से पूरा देश 21 दिनों के लिए लॉकडाउन है, जिसका पालन करते हुए हिन्दू मंदिर जाने से बचते हुए नज़र आएं, जो हिन्दू नवरात्र की पूजा करने के लिए मंदिर जाते थे, उन्होंने कोरोना के रोकथाम हेतु पीएम मोदी के सोशल डिस्टेंस वाली बात का पालन करने की कोशिश किया और घर में माता रानी की पूजा करते हुए नज़र आ रहे हैं।

तो वही मुस्लिम समाज ने भी देश के सामने उदहारण पेश किया। शुक्रवार को मुस्लिम समाज, मस्जिद नहीं गया और घर पर अपने अभिभावकों की अगुवाई में जुम्मे की नमाज़ को पढ़ा। आम तौर पर शुक्रवार को भरी संख्या में मुस्लिम समाज एकजुट होकर मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं।

हमारे एक दर्शक ने नमाज़ की एक तस्वीर साझा करते हुए हमें बताय कि “पूरा देश कोरोना की चपेट में है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता के हित के लिए लॉकडाउन का फैसला लिया है ताकि लोग घरों में रह सके और सोशल डिस्टेंस को बनाये रखें। कोरोना को हारने का उपाय सोशल डिस्टेंस को बनाना है और हम कोरोना को हराना चाहते हैं, इसीलिए हम सबने निर्णय लिया कि लॉकडाउन के दौरान हम जुम्मे की नमाज घर में पढ़ेंगे। ”    

वाकई में अगर हमें कोरोना जैसे महामारी को हराना है तो जाति और धर्म से ऊपर उठकर स्वास्थ्य सम्बंधि नियमों का पालन करना होगा।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                        

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