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किसानो के दर्द पर बनी फिल्म गोदाम 3 अप्रैल से सिनेमा घरों में


संवाददाता- सऊद अंसारी।

गाज़ीपुर । बालीबुड की हिन्दी फिल्म “गोदाम” 3 अप्रैल को सिनेमा हालों में प्रर्दशित की जाएगी। इस फिल्म में किसानों की समस्याओं को ही नहीं दर्शाया गया बल्कि उसके समाधान को भी बताया गया है। ग्रामीण अंचल के ग्राम भाला निवासी निर्माता सुजीत प्रताप सिंह ने बताया कि देश के किसानों तथा जवानों की मूल धरातल पर आधारित भावना प्रधान फिल्म घटनाओं तथा हादसों के शिकार लोगों को समर्पित है और किसानों की समस्याओं पर आधारित यह फिल्म इलाहाबाद, चेन्नई तथा कुछ अंश गाजीपुर में भी फिल्माया गया है। यू के तथा यू एस के वर्जिनिया से बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड विजेता तथा दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए नामांकित सिर्फ भारत ही नहीं विश्व की यह फिल्म नगरों तथा बड़े शहरों में बसे लोगों को गांव की सभ्यता, संस्कृति तथा भाई चारे की ओर मुखर कर उन्हें गांव की ओर लौटने के उद्देश्य से बनाया गया है।

टेक्स फ्री की संभावना से आशान्वित उन्होंने आशा व्यक्त किया कि लोगों मे आज के परिवेश अलग पहचान बनाने में यह फिल्म पुरी तरह सक्षम है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म में करोड़ों किसानों तथा लाखों जवानों का दर्द छिपा है। फिल्म के निर्देशक अखिल गौरव ने बताया कि दो गानों पर दर्शायी गई यह वालीबुड की फिल्म जरूर है लेकिन फिल्म को रोचकता प्रदान करने के लिए जितना जरूरी अंश इसमें समाहित एवं संग्रहित करना है उसका पूरा पूरा प्रयास किया गया है। 131मिनट के इस फिल्म में यह दर्शाया गया है कि जो अनाज किसान उपजाता है वही अनाज बुआई तक सुरक्षित रख सकने में अश्मर्थ रहता है।

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