ब्यूरो रिपोर्ट/ गाज़ीपुर। सोशल मीडिया जहां एक तरफ विकसित होते समाज का एक मजबूत सेतु है तो वहीं दूसरी तरफ अनभिज्ञता के कारण फेक न्यूज़ और अफवाहों का गढ़ बनता जा रहा है। व्हाट्स ऐप, फेसबुक या किसी सोशल मीडिया संसाधन से किसी भी प्रकार का संदेश आगे भेजने से पहले उसे समझने की जरूरत है। उस संदेश की पड़ताल करें, अपने विवेक का प्रयोग करें, फिर सोशल मीडिया से किसी संदेश को अग्रेषित करें।
स्मार्ट फोन आज के विकसित होते समाज के साथ हर वर्ग के हाथों तक पहुंच चुका है, तो इसी के साथ सोशल मीडिया भी सबकी उंगलियों पर है। सोशल मीडिया को संचालित करने की जानकारी होना मात्र काफ़ी नहीं है, ये समझना जरूरी है कि आपका एक संदेश सैकडों लोगो के बीच पहुंच रहा है और सैकडों से हजारों के बीच पहुंचने में उस वक़्त नहीं लगेगा। अतः आप पढ़े लिखे हैं या आपने स्कूल का मुंह देख है या नहीं, ये मायने नहीं रखता, मायने रखता है आपकी समझ, आपकी सोच। समाज, आस पड़ोस, जाति या धर्म के बारे में आपकी क्या सोच है, ये समझना बहुत जरूरी है।
सोशल मीडिया पर किसी भी गैर व्यक्तिगत संदेश भेजने से पहले आपको अपने विवेक के बारे में ज्ञान होना जरूरी है कि क्या आप सभी जातियों, धर्मों या वर्गों के लोगों को एक समान मानते हैं या नहीं। हमारा संविधान और हमारी भारतीय संस्कृति हमें यहीं ज्ञान देती है कि हम स्वतंत्र हैं, हमें प्रत्येक जाति, धर्म या वर्ग की इज्जत करनी चाहिए, हमें ऊंच नीच की भावना नहीं रखनी चाहिए, महिलाओं का सम्मान करना चाहिए, अपने विचार को शालिनता और समझदारी से किसी के सामने रखना चाहिए। यदि आप के अंदर भारतीय संस्कृति का ज्ञान है तो आप सोशल मीडिया का प्रयोग वार्तालाप और ज्ञान वृद्धि के लिए कर सकते हैं।
ये समझना जरूरी है है कि हमारी संस्कृति ने हमें क्या सिखाया है। हमारे देश में विभिन्न धर्मो और भाषाओं के लोग रहते हैं और हम सब मिल कर रहते हैं, उत्तर भारतीयों को दक्षिण भारतीय व्यंजन पसंद है तो दक्षिण भारतीयों को उत्तर भारतीयों का व्यंजन पसंद है, वैसे ही पूर्वी को पंजाबी, पंजाबी को गुजराती इत्यादि। मुस्लिम गाय का दूध पीता है तो कई हिन्दुओं को मुगलई चिकन पसंद हैं। कोई ईद की सेवई खाता है तो कोई दीवाली के पटाखे जलाता है।
स्त्री ने कैसा वस्त्र धारण किया है, वो उसकी स्वतंत्रता है, उसके वस्त्र पर टिप्पणी करना आपकी नियत है।
तो सोशल मीडिया का प्रयोग करने से पहले आपको स्वच्छ मानसिकता का होना जरूरी है।
आज जनपद के सदर कोतवाली में पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पीस कमेटी की बैठक का आयोजन हुआ। पुलिस अधीक्षक ओ पी सिंह ने कहा कि जनपद में पूर्व की भांति गंगा जमुनी तहजीब बनाए रखने के लिए हमें सोशल मीडिया फैलाई जा रही अफवाहों से बचना होगा। पुलिस अधीक्षक ने त्योहारों के मद्देनजर शांति, सौहार्द और आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की। बैठक में सभी समिति के सदस्य मौजूद रहें।
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