असम – 50 साल की ज़बैदा बेगम असम के बक्सा जिले के सुदूर गाँव में रहती है|और वही अपनी मजदूरी कर के घर का खर्च चलती है पति गंभीर रूप से पीड़ित हैं इसलिए वह काम नहीं कर सकते|और इन परेशानियो में ज़बैदा को नागरिकता साबित करनी पड़ रही हैं|लेकिन वह नागरिकता साबित नहीं कर सकी|उसने 15 दस्तावेज़ को पेश किया जो इनमे से उनके पिता जुबैद अली के 1966 और 1970-1971में नाम से जुड़े वोटर लिस्ट भी थे और बैंक के दस्तावेज ,पेन कार्ड भी पेश किया लेकिन कुछ भी काम ना आ सका|वो फॉरेनर्स ट्राइब्यूनल गई वहाँ हार गई फिर वह हाईकोर्ट गई वहाँ से भी हार गई|लेकिन वह नागरिकता नहीं साबित कर पाई|सारा पैसा केस लड़ने में खर्च हो गया|पति बीमार हैं अब वो ज़िन्दगी से हारती दिख रही और नागरिकता भी चली गई |

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