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रिहाई के बाद बोले सत्याग्रही : प्रधानमंत्री के वाराणसी दौरे को लेकर डर की वजह से उन्हें 6 दिन जेल में रखा गया

रिपोर्टर: हसीन अंसारी

गाजीपुर। गोरखपुर के चौरी चौरा से निकले 10 सत्याग्रहियों को 11 फरवरी को गाजीपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विपक्षी दल लगातार उनकी रिहाई के लिए दबाव बना रहे थे। कल मामला इतना बढ़ा कि कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बल प्रयोग भी किया। वहीं आज जेल में बंद 10 सत्याग्रहियों को देर शाम निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। रिहाई के बाद सत्याग्रहियों ने गांधी पार्क पहुंचकर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया और आगे की यात्रा शुरू करने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वाराणसी दौरे को लेकर डर की वजह से उन्हें 6 दिन जेल में रखा गया था।

सत्याग्रही प्रदीपिका सारस्वत ने बताया कि उनके पद यात्रियों को गिरफ्तार करने के पीछे जो पूरी तरीके से इलीगल इंटेंशन है। मैं स्टेट की शुक्रगुजार हूं। जिसने मुझे जेल में आने का मौका दिया। जेल के भीतर बुनियादी नागरिक सुविधाएं नहीं मिलती है। जिसको लेकर जेल में बिताए दिनों में महिला साथियों की स्थितियों के बारे में जेल से मैंने चिट्ठी लिखी थी। कई ऐसी महिलाएं हैं जो जमानत के अभाव में 4 से 5 साल से जेल में बंद है।

सत्याग्रही मनीष ने बताया कि हम इस मुल्क के आईन और संविधान की बात कर रहे है। हमने चौरी चौरा से सत्याग्रह यात्रा शुरू की। जो दिल्ली तक जाएगी। शासन को लगा कि 10 लोग इस सरकार को परेशान कर रहे हैं। जो अपने आप में निरर्थक बात है। बिना बातचीत किए हमें हिरासत में लिया गया और कहा गया आपसे बात की जाएगी। जिसके बाद हमें जेल भेज दिया गया।आज हमें छोड़ा जा रहा है।

कल उसी स्थान से हम दोबारा अपनी यात्रा शुरू करेंगे। सद्भावना और प्रेम की बात करने के लिए किसी भी सरकार के परमिशन की जरूरत नहीं। महात्मा गांधी मुल्क की आत्मा में है। हम गांधी का संदेश लेकर गांव देहात जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि वर्तमान सरकार कैसे लोगों को बांट रही है और लोग बांट रहे हैं। यदि सरकार से लड़ना है तो अंदर की नफरत को खत्म करना होगा।

साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जमानत के लिए ढाई लाख रुपए और दो गैजेटेड ऑफीसर के हस्ताक्षर लिए गए । ऐसा धारा 151, 116 और 107 में इससे पहले कभी नहीं हुआ। उन्हें लगता है कि 10 लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए खतरा है। जो बनारस में आज आए हुए हैं। इसी वजह से बीते 6 दिनों से उन्हें जेल में रखा गया था।

यह लोग इतने डरपोक हैं इनको लगता है कि 10 लोग सरकार का कुछ कर सकते हैं। इससे पता चलता है कि सरकार अंदर से कितनी खोखली है। लेकिन हमारी सरकार से भी कोई वैमनस्यता नहीं है। क्योंकि सरकार अजीब से पागलपन में है। उस पागलपन को दूर करने के लिए जनता के पास जाने की जरूरत है। कल से हम अपनी यात्रा दोबारा शुरू करेंगे यदि सरकार को हमें गिरफ्तार करना है तो उनका स्वागत है।

बतादें कि सत्याग्रहियों में विभिन्न विद्यालयों के छात्र शामिल हैं। जिसमें आगरा की महिला पत्रकार प्रदीपिका सारश्वत,भागलपुर विश्‍व विद्यालय के प्रवक्‍ता रविंद्र कुमार रवि, मध्‍यप्रदेश के कार्यकर्ता मनीष शर्मा, इलाहाबाद विश्‍वविदयालय के शेष नारायण ओझा, दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय से अतुल यादव, बीएचयू के प्रियेश पांडेय, आजमगढ़ से नीरज राय ,अनन्‍त शुक्‍ला रायबरेली, राज अभिषेक पटना और मुजफ्फरपुर के मुरारी कुमार को आज रिहा किया गया। रिहाई के बाद सत्याग्रहियों का समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने माला पहनाकर स्वागत किया गया।

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